एक कमरे में किसी तरह से रहते हैं 18 पुलिसकर्मी

खरीक : भागलपुर के सीमांत गंगा तटीय इलाके से लेकर मधेपुरा के कोसी तटीय क्षेत्र तक के लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी ढो रहे खरीक थाना के पुलिसकर्मियों को मूलभूत सुविधा मयस्सर नहीं है. एक मात्र 25 फीट लंबा और 15 फीट चौड़ा अंधेरे कमरे में 18 से अधिक पुलिस पदाधिकारी व कर्मी रहते हैं. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 8, 2017 2:06 AM

खरीक : भागलपुर के सीमांत गंगा तटीय इलाके से लेकर मधेपुरा के कोसी तटीय क्षेत्र तक के लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी ढो रहे खरीक थाना के पुलिसकर्मियों को मूलभूत सुविधा मयस्सर नहीं है. एक मात्र 25 फीट लंबा और 15 फीट चौड़ा अंधेरे कमरे में 18 से अधिक पुलिस पदाधिकारी व कर्मी रहते हैं. इसी कमरे में उन्हें खाना बनाकर खाना पड़ता है. गरमी और बरसात में तो इस कमरे में रहना परेशानियों को सबब बन जाता है. थाना के पीछे गड्ढे में जलजमाव के करण हमेशा र्दुगंध निकलता रहता है. यहां के पुलिसकर्मियों का कहना है कि जो भी लंबे समय तक यहां रहता है उसका बीमार पड़ना तय है.

अब तक कई पुलिसकर्मी बीमार पड़ भी चुके हैं. थाना का भवन भी जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है. बरसात के समय थानाध्यक्ष के आवासीय कक्ष की छत से भी पानी टपकता है.

शौचालय और पेयजल की व्यवस्था नहीं : खरीक का पूरा इलाका आर्सेनिक और फ्लोराइडयुक्त जल के लिए जाना जाता है. ऐसे में पुलिस कर्मियों को पानी खरीद कर पीना पड़ता है. थाने में सिर्फ एक पुराना शौचालय. एक पदाधिकारी के आवासीय कमरे में ही वायरलेस रूम चलता है. यहां महिला हाजत भी नहीं है. पुलिस पदाधिकारियों की भी कमी है. यहां जिला पुलिस बल की स्थायी प्रतिनियुक्ति नहीं है. आवासीय कमरों के आभाव में थाने के कई पुलिस पदाधिकारी खरीक बाजार या अन्य जगहों पर भाड़े के कमरे में रहते हैं.

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