भागलपुर : जेएलएनएमसीएच में भरती मरीजों की जान भगवान ही बचाये. सोमवार को यहां पर भरती ब्रेन टीबी का मरीज 20 घंटे तक दर्द से बेजार रहा. शिकायत पर अधीक्षक ने पहल की तो चिकित्सकों को ढूंढा गया तो पता चला कि ड्यूटी से पीओडी(पीडियाट्रिक्स ऑन ड्यूटी) गायब हैं. फिर एसीओ में तैनात दूसरे चिकित्सक से मरीज का इलाज कराया गया. परिजनों के मुताबिक, मरीज, जिला परिषद सदस्य खरीक कुमकुम चौधरी का रिश्तेदार बताया जा रहा है.
हालांकि हास्पिटल प्रशासन गायब डाॅक्टर की ड्यूटी न होने की बात कर रहा है. रंगरा प्रखंड के रैनसी टोला सधवा गांव निवासी ताले यादव के पुत्र श्रवण यादव (38 वर्ष) को 22 दिसंबर को मेडिसिन विभाग के बेड नंबर 133 में भरती कराया गया. परिजनों ने बताया कि वहां पर इलाज कर रहे डॉ डीपी सिंह ने बताया कि श्रवण को ब्रेन टीबी (मेंजाइटिस टीबी) है. रविवार की शाम को श्रवण को सांस लेने में तकलीफ बढ़ी तो उसे इमरजेंसी के मेडिसिन वार्ड (बेड नंबर नाै) पर शाम छह बजे भरती कराया गया.
परिजनों के अनुसार, रविवार की शाम से ही लगातार उसकी तबीयत खराब हो रही थी लेकिन यहां पर किसी ने उसे जांचा तक नहीं. मजबूरन परिजनों ने सोमवार को अपराह्न सवा दो बजे हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ आरसी मंडल से शिकायत की. अधीक्षक ने इमरजेंसी के मैनेजर को निर्देश दिया कि मरीज को तत्काल पीओडी से इलाज कराया जाये. हरकत में आये प्रबंधन ने जब पीओडी डॉ रवि आनंद को ढूंढना शुरू किया तो वे नहीं मिले. अंत में एसीओ में तैनात दूसरे चिकित्सक डॉ मनोज कुमार से इलाज कराया गया.