भागलपुर : निगम क्षेत्र में करीब 350 भूमिहीन लाभुकों में से कई के फर्जी होने का खुलासा हुआ है. सरकार से वासगत परचा प्राप्त कर मुफ्त जमीन पाने की चाहत वाले लाभुकों में से कई सरकारी नौकरी में हैं. किसी के पास खुद की जमीन व मकान भी हैं. नगर निगम से प्राप्त भूमिहीन की […]
भागलपुर : निगम क्षेत्र में करीब 350 भूमिहीन लाभुकों में से कई के फर्जी होने का खुलासा हुआ है. सरकार से वासगत परचा प्राप्त कर मुफ्त जमीन पाने की चाहत वाले लाभुकों में से कई सरकारी नौकरी में हैं. किसी के पास खुद की जमीन व मकान भी हैं. नगर निगम से प्राप्त भूमिहीन की सूची में दर्ज लाभुकों की पोल लगातार सत्यापन में खुल रही है.
प्रशासनिक स्तर पर जांच का काम अभी पूरा नहीं हुआ है. कहा जा रहा है कि सत्यापन में और कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ सकते हैं. वहीं सत्यापन में फर्जी लाभुक के मिलने का मामला गंभीर है. इस तरह के मामले ने नगर निगम के सर्वे पर भी सवाल खड़े कर दिये हैं. आखिरकार सर्वे में सरकारी नौकरी, जमीन व मकान मालिक को किस तरह शामिल कर लिया गया. साथ ही निगम के वरीय अधिकारियों की बिना जांच पड़ताल के सूची प्रशासन के पास कैसे भेज दी गयी.
निगम क्षेत्र के करीब 350 भूमिहीनों लाभुक का सच
लगातार सत्यापन में खुल रही भूमिहीन की पोल
यह है लाभुकों के सत्यापन की रिपोर्ट
खुद की जमीन: छोटू दास, मिथिलेश रजक, शांति दास, नवल किशोर राही, राजकिशोर प्रसाद, सुमित कुमार, रोशन हरि (पिता के नाम से जमीन).
सरकारी नौकरी: रंजीत दास.
यह है मामला
ऑपरेशन बसेरा में निगम क्षेत्र में भूमिहीन को सरकारी जमीन का परचा देना है. इसके लिए नगर निगम ने सर्वे करके क्षेत्र के भूमिहीनों की सूची प्रशासन को सौंप दी. प्रशासनिक स्तर पर वासगत परचा जारी करने से पहले उन सभी का सत्यापन शुरू हुआ. इस सत्यापन के दौरान सूचीबद्ध लाभुक में कई अपात्र पाये जा रहे हैं. जिनके नाम सूची से हटाये जा रहे हैं.
गड़बड़झाले की आशंका