डीएम सख्त, वेंडरों ने शुरू की स्टांप की बिक्री
भागलपुर : जिले के नौ स्टांप वेंडर बुधवार को दोबारा काम पर लौट गये व स्टांप की बिक्री शुरू कर दी. सभी वेंडर कोषागार पदाधिकारी के पास गये और उनसे नयी पंजी में ही स्टांप पेपर की बिक्री करने पर राजी हुए. कोषागार पदाधिकारी ने सभी को नयी भंडार पंजी के साथ शोकॉज का भी […]
भागलपुर : जिले के नौ स्टांप वेंडर बुधवार को दोबारा काम पर लौट गये व स्टांप की बिक्री शुरू कर दी. सभी वेंडर कोषागार पदाधिकारी के पास गये और उनसे नयी पंजी में ही स्टांप पेपर की बिक्री करने पर राजी हुए. कोषागार पदाधिकारी ने सभी को नयी भंडार पंजी के साथ शोकॉज का भी पत्र दिया. बता दें कि जिलाधिकारी आदेश तितरमारे ने मंगलवार को स्टांप वेंडर के स्टांप बिक्री को रोकने पर सख्ती दिखायी थी. अपने आदेश में उन्होंने वेंडर के बिक्री बंद करने को असंवैधानिक करार दिया था. साथ ही हर हालत में जब्त भंडार पंजी को नहीं लौटाने व नये पंजी में स्टांप बिक्री करने का आदेश दिया था. ऐसा नहीं करनेवाले वेंडर का लाइसेंस रद्द करने की चेतावनी दी थी. वेंडर से स्टांप बिक्री होने से कोर्ट में लोगों को स्टांप पेपर की परेशानी खत्म हो गयी.
यह था मामला : जिला कोषागार पदाधिकारी ने सात जनवरी को स्टांप वेंडर के कार्य स्थल पर शिकायत के आधार पर जांच की. इस जांच में कुल नौ वेंडर के भंडार व स्टांप पंजी को जब्त कर ली गयी थी. सभी को नये पंजी पर अपनी स्टांप बिक्री करने के लिए कहा था. कोषागार पदाधिकारी की कार्रवाई के बाद वेंडर ने जांच का विरोध किया और विधि विभाग के ही अधीन स्टांप बिक्री करने की मांग की. इस मांग में कोषागार पदाधिकारी पर भी गंभीर आरोप लगाये.
यह हुई थी घटन
प्रशिक्षु आइएएस भवेश मिश्रा के औचक निरीक्षण में एक स्टांप वेंडर तय मूल्य से अधिक की मांग करते हुए पाया गया था.
कोषागार पदाधिकारी ने स्टांप वेंडर की नयी पंजी में काम करने से इनकार करने पर शोकॉज कर दिया था.
इन मामलों की हो रही पड़ताल
वेंडर के जब्त पंजी की जांच में कई तरह की पड़ताल हो रही है. इसमें वेंडर के पिछले दिनों स्टांप पेपर कई दिन नहीं लेने का मामला सामने आया है. चालान नहीं जमा कर स्टांप नहीं लेने पर भी पूछताछ संभव है. बताया जाता है कि स्टांप वेंडर को मांग के अनुरूप स्टांप पेपर कोषागार से लेना होता है, ताकि बाजार में स्टांप पेपर की किल्लत नहीं हो.
वेंडर के स्टॉक पंजी में स्टांप पेपर के कोटे को भी देखा जा रहा है. स्टांप पेपर के अलग-अलग मूल्य की संख्या की बिक्री को भी देखा जा रहा है.
कुल नौ स्टांप वेंडर को नयी पंजी दी गयी है. उनके पुराने भंडार पंजी की जांच चलेगी. जांच की पूरी रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजेंगे. वहां से अंतिम कार्रवाई होगी.
मनीष कुमार, जिला कोषागार पदाधिकारी.