हनुमान मंदिर तोड़े जाने को लेकर फैली अफवाह, देखते ही देखते उमड़ पड़ा जन सैलाब

भागलपुर : बिहार के भागलपुर जिले के हबीबपुर थाना क्षेत्र के अंबे पोखर इलाके में गुरुवार को अचानक हनुमान मंदिर तोड़े जाने को लेकर फैली अफवाह के बाद देखते ही देखते लोगों को सैलाब उमड़ पड़ा. मंदिर तोड़ने और लोगों की भीड़ जुटने की सूचना मिलते ही आनन-फानन में हबीबपुर थाने के इंस्पेक्टर इंद्रजीत बैठा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 27, 2017 12:47 PM

भागलपुर : बिहार के भागलपुर जिले के हबीबपुर थाना क्षेत्र के अंबे पोखर इलाके में गुरुवार को अचानक हनुमान मंदिर तोड़े जाने को लेकर फैली अफवाह के बाद देखते ही देखते लोगों को सैलाब उमड़ पड़ा. मंदिर तोड़ने और लोगों की भीड़ जुटने की सूचना मिलते ही आनन-फानन में हबीबपुर थाने के इंस्पेक्टर इंद्रजीत बैठा और जगदीशपुर के अंचल अधिकारी निरंजन कुमार पूरे दल-बल के साथ मौके पर पहुंचकर मामले को शांत कराने में जुट गये. बताया जा रहा है कि इलाके में इस बात को लेकर अफवाह फैलायी गयी कि अंबे पोखर में करीब 50 पहले स्थापित हनुमान जी की मूर्ति को हटाया जायेगा. हालांकि, इस मूर्ति को खंडित बताया जा रहा है और इसके स्थान पर हनुमान जी की नयी मूर्ति लगाने की अफवाह फैलायी गयी.

स्थानीय निवासियों का कहना है कि गुरुवार की सुबह अंबे पोखर के बीव में बने टापू पर करीब 50 साल पुराने हनुमान मंदिर में खंडित मूर्ति को हटाकर नयी मूर्ति लगाने की बात की जा रही थी. इसी दौरान बातचीत में शामिल दूसरे पक्ष के लोगों ने इसका विरोध किया. दूसरे पक्ष के इस विरोध के बाद ही इलाके में हनुमान जी के मंदिर को तोड़ने की अफवाह फैल गयी और वहां पर जन सैलाब उमड़ पड़ा.

घटना की सूचना पाकर जगदीशपुर के अंचल अधिकारी मौके पर पहुंचकर मामले की जानकारी लेने के बाद सदर एसडीओ को घटनास्थल पर बढ़ रहे तनाव की सूचना दी. उनकी मांग पर मोजाहिदपुर, तातारपुर, कजरैली, विश्वविद्यालय, ललमटिया, इशाकचक, आदमपुर समेत कई थानों के पुलिसबल को मौके पर भेजा गया. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सदर एसडीओ कुमार अनुज और सिटी डीएसपी सहरियार अख्तर ने मोर्चा संभाल लिया. सदर एसडीओ कुमार अनुज ने माइक के जरिये लोगों को संयम बरतने की हिदायत दी.

बताया जाता है कि सदर एसडीओ अनुज कुमार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि यह मंदिर बिहार सरकार की जमीन पर अवैध तरीके से बनाया गया है और इसे हटाकर बूढ़ानाथ मंदिर में स्थापित किया जायेगा. इसके बाद सैंकड़ों लोग और उग्र हो गये और जय श्री राम और जय बजरंगबली के नारे लगाने लगे. मंदिर समर्थकों ने जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.

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