बूंदा-बूंदी होते ही बिजली ठप

बिजली संकट. शुक्रवार को पूरी रात अंधेरे में डूबा रहा आधा शहर भागलपुर : शहर में बेहतर बिजली आपूर्ति करने की दुहाई देने वाली फ्रेंचाइजी कंपनी की आपूर्ति लाइन शुक्रवार रात लगभग 11 बजे हल्की बूंदा-बूंदी भी झेल नहीं सकी. बूंदा-बूंदी के शुरुआती समय में ही आपूर्ति व्यवस्था चरमरा गयी. पूरी रात आधे से अधिक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 29, 2017 3:46 AM

बिजली संकट. शुक्रवार को पूरी रात अंधेरे में डूबा रहा आधा शहर

भागलपुर : शहर में बेहतर बिजली आपूर्ति करने की दुहाई देने वाली फ्रेंचाइजी कंपनी की आपूर्ति लाइन शुक्रवार रात लगभग 11 बजे हल्की बूंदा-बूंदी भी झेल नहीं सकी. बूंदा-बूंदी के शुरुआती समय में ही आपूर्ति व्यवस्था चरमरा गयी. पूरी रात आधे से अधिक शहर अंधेरे में डूबा रह गया. शनिवार को भी वही आपूर्ति लाइन निर्बाध आपूर्ति में बाधक बनी रही, जिसको फ्रेंचाइजी कंपनी ने बार-बार मेंटेनेंस कराया. सबौर ग्रिड से बरारी उपकेंद्र जाने वाली 33 केवी आपूर्ति लाइन शनिवार दोपहर एक बजे ब्रेक डाउन हो गया. इससे पूर्वी शहर की बिजली ठप हो गयी. एक ही आपूर्ति लाइन पर बरारी सहित सेंट्रल जेल और मायागंज विद्युत उपकेंद्र की बिजली स्थापित है. एक के ब्रेक डाउन होने से दूसरा और तीसरा विद्युत उपकेंद्र भी प्रभावित हो गया.
बरारी फीडर : आधी रात को ब्रेक डाउन, सुबह सात बजे पहुंचे ठीक करने : शुक्रवार आधी रात को बूंदा-बूंदी के दौरान बरारी फीडर ब्रेक डाउन हुआ. इससे बरारी और आसपास इलाका अंधेरे में डूब गये. सुबह नौ बजे के बाद जब लाइन दुरुस्त हुई, तो बिजली आपूर्ति बहाल हुई.
शनिवार को दिन में भी ब्रेक डाउन से पूर्वी शहर की बिजली रही ठप
आधी रात को गड़बड़ायी बिजली, सुबह चालू
मध्य शहर की बिजली आधी रात को गड़बड़ायी. इसको ठीक करने के बजाय फ्रेंचाइजी कंपनी ने उसको उसी हाल पर छोड़ दिया. दुरुस्त करने फ्रेंचाइजी कंपनी की टीम नहीं पहुंची. यह आरोप मध्य शहर के उपभोक्ताओं का है. सिविल सर्जन विद्युत उपकेंद्र की लाइन ब्रेक डाउन हुई. इस पर स्थापित टीटीसी विद्युत उपकेंद्र की भी बिजली प्रभावित हो गयी. दोनों विद्युत उपकेंद्र के बंद होने के चलते इसके सभी पांच फीडर भीखनपुर, घंटा घर, खलीफाबाग, मशाकचक व नयाबाजार की आपूर्ति ठप पड़ गयी. मध्य शहर अंधेरे में डूबा रह गया. दूसरे दिन शनिवार को भी बिजली आपूर्ति कट-कट कर होती रही, जिससे उपभोक्ताओं में आक्रोश है.

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