निगम परिसर में बनेगा सम्राट अशोक हॉल

ब्रजेश भागलपुर : सम्राट अशोक भवन के नाम से शहर का दूसरा टाउन हॉल के लिए जमीन की तलाश पूरी हो गयी है. यह अब नगर निगम के कार्यालय परिसर में खाली पड़ी जमीन पर बनेगा. यह फैसला नगर निगम ने तब लिया है, जब उन्हें पूरे शहर में भवन निर्माण के लायक जमीन नहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 30, 2017 9:32 AM
ब्रजेश
भागलपुर : सम्राट अशोक भवन के नाम से शहर का दूसरा टाउन हॉल के लिए जमीन की तलाश पूरी हो गयी है. यह अब नगर निगम के कार्यालय परिसर में खाली पड़ी जमीन पर बनेगा. यह फैसला नगर निगम ने तब लिया है, जब उन्हें पूरे शहर में भवन निर्माण के लायक जमीन नहीं मिली
भवन निर्माण पर 1.08 करोड़ से ज्यादा लागत आयेगी. सरकार से नगर निगम को लागत का 50 प्रतिशत राशि का आवंटन पहले ही हो गया है. सम्राट अशोक भवन की क्षमता 500 लोगों के बैठने लायक होगी. भवन का ढांचा ऐसा होगा कि इसमें हॉल तो रहेगा ही, इसके ऊपरी मंजिल पर कई कमरे होंगे. भवन का निर्माण के लिए लगभग डेढ़ साल का समय निर्धारित है. टेंडर की प्रक्रिया अंतिम चरण पर है. अररिया के मां कंस्ट्रक्शन और भागलपुर के महेंद्र तिवारी ने टेंडर डाला है. दोनों संवेदकों में किसे भवन बनाने की जिम्मेदारी मिलेगी, इसका निर्णय नगर विकास व आवास विभाग करेगा. नगर निगम ने फाइल पटना भेज दिया है. विभागीय अधिकारी के अनुसार अगले दो-चार दिन में पटना से फाइल स्वीकृत होकर आ जायेगी. संबंधित संवेदक को वर्क ऑर्डर होगा और सम्राट अशोक भवन का निर्माण शुरू हो जायेगा.
टाउन हॉल से भी बेहतर होगी सुविधाएं : सम्राट अशोक भवन में सुविधाएं टाउन हॉल से भी बेहतर होगी. भवन में आकर्षक मंच होगा. इसके छोटे से हिस्से में पार्क होगा. पार्किंग की सुविधा रहेगी. भवन में ऊपर और नीचे कई कमरे होंगे. हॉल में बैठने के लिए कुरसियां लगी रहेगी. जेनरेटर रूम होगा. सम्राट अशोक भवन के अंदरूनी हिस्सा आकर्षक होगा.
जगह तलाशने में निगम को लगा साल भर : सम्राट अशोक भवन निर्माण की योजना साल भर पहले बनी थी. जगह तलाशने में नगर निगम को साल भर लगा है. समय से जगह की तलाश पूरी होती, तो अबतक भवन बन कर लगभग तैयार हो गया रहता. साल भर पहले नगर निगम ने बरारी रोड स्थित सुंदरवन के नजदीक व अन्य दो जगह पर जमीन देखी थी. जमीन देखने के साथ नगर निगम ने सहायक अभियंता से नये टाउन हॉल का प्रपोजल तैयार करने का निर्देश दिया था. चिह्नित जगह भवन के लायक नहीं रहने से योजना अटकी रही.

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