सुनहरे सपने के बीच सिसक रहा स्मार्ट सिटी का ट्रैफिक

अटका मामला. 10 फीसदी ऑटो की ही हो पायी कोडिंग भागलपुर : सुनहरे सपने के बीच स्मार्ट सिटी की ट्रैफिक व्यवस्था सिसक रही है. ट्रैफिक को ट्रैक पर लाने के लिए ऑटो की कोडिंग से लेकर चाइनजी ई रिक्शा पर पाबंदी के फार्मूले सफल नहीं हो पाये हैं. सुगम यातायात के लिए दिसंबर माह में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 30, 2017 9:33 AM
अटका मामला. 10 फीसदी ऑटो की ही हो पायी कोडिंग
भागलपुर : सुनहरे सपने के बीच स्मार्ट सिटी की ट्रैफिक व्यवस्था सिसक रही है. ट्रैफिक को ट्रैक पर लाने के लिए ऑटो की कोडिंग से लेकर चाइनजी ई रिक्शा पर पाबंदी के फार्मूले सफल नहीं हो पाये हैं. सुगम यातायात के लिए दिसंबर माह में ऑटो की कोडिंग शुरू हुई थी, लेकिन शहर में सात हजार में महज 700 ऑटो की ही कोडिंग हो पायी. डेढ़ माह बीत जाने के बावजूद दोबारा यह प्रक्रिया शुरू ही नहीं हो पायी. इसी तरह चाइनीज ई रिक्शा पर भी पाबंदी के एलान के बाद प्रशासन खामोश है.
ट्रैफिक प्लान पूरा करेगा अरमान : शहर की यातायात को सुव्यवस्थित करने के लिए अब समग्र ट्रैफिक प्लान तैयार किया जा रहा है. प्रमंडलीय आयुक्त के निर्देश पर नगर आयुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गयी है, जिसमें जिला परिवहन अधिकारी, सिटी डीएसपी व ट्रैफिक इंस्पेक्टर शामिल हैं. अब देखना यह है कि ट्रैफिक प्लान क्या जनता के अरमान पूरा कर पायेगा.
ट्रैफिक को ट्रैक पर लाने के सुनहरे सपने : स्मार्ट सिटी के तहत ट्रैफिक को ट्रैक पर लाने के सुनहरे सपने दिखाये गये हैं. चौराहों पर ऑटोमेटिक ट्रैफिक सिग्नल लगाने, जेब्रा क्रासिंग, रोड व जंकशन सुधार कार्य, वन वे यातायात, मल्टीलेवल पार्किंग, रिक्शा स्टैंड, फुटपाथ का विकास, पैदल यात्री पथ, साइनेज बोर्ड के अलावा पैन सिटी के तहत ट्रांसपोर्ट व मोबेल्टी प्लान भी शामिल है.
ट्रैफिक कंट्रोल के लिए सौ जवान
शहर में ट्रैफिक को कंट्रोल करने के लिए सौ जवान हैं. ट्रैफिक कर्मचारी शहर के डेढ़ दर्जन चौराहों से विक्रमशिला पुल तक ट्रैफिक को रेगुलेट करने के लिए तैनात हैं. ट्रैफिक रेगुलेशन टीम भी हैं. तीन जीप के अलावा छह बाइक ट्रैफिक को कंट्रोल करने के लिए सड़कों पर फर्राटा भरते रहते हैं.
दोबारा शुरू होगी कोडिंग, बैठक में तय होगी तारीख : डीटीओ
जिला परिवहन अधिकारी संजय कुमार ने बताया कि ऑटो की कोडिंग की प्रक्रिया दोबारा जल्द शुरू की जायेगी. 90 फीसदी ऑटो की कोडिंग नहीं हो पायी है. इस संबंध में फरवरी माह के पहले सप्ताह में बैठक होगी. इसके बाद कोडिंग के लिए तिथि निर्धारित कर दी जायेगी.
शहर में ढाई लाख वाहन : जिले में वाहनों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती ही जा रही है. 2.50 लाख वाहनों की फौज सड़कों पर फर्राटा भर रही है. वाहनों की बढ़ रही संख्या से सड़कें सिकुड़ती जा रही हैं. जिले में करीब 2.25 लाख दोपहिया वाहन निबंधित हैं, जबकि छह हजार ऑटो, 10 हजार कार व टैक्सी, हजारों की संख्या में ट्रक, बस, ट्रैक्टर-ट्रैलर हैं. पिछले एक दशक में सड़कों पर वाहनों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है. हर साल करीब 20 हजार नये वाहन निबंधित किये जा रहे हैं.

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