जान व भविष्य की कीमत पर फोन कॉल व चैटिंग

भागलपुर : मोबाइल के ‘नशे’ की गिरफ्त में भागलपुर के काफी युवा आ चुके हैं. यहां के 50 फीसदी युवा नाइट फोन कॉलिंग व चैटिंग में तीन घंटे का समय व्यतीत करते हैं. कुछ टेलीकॉम कंपनियों की अनलिमिटेड कॉलिंग व नेट सर्फिंग फेसिलिटी का उपयोग युवा पीढ़ी अपनी गर्ल फ्रेंड या ब्वॉय फ्रेंड से बातें […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 7, 2017 5:34 AM

भागलपुर : मोबाइल के ‘नशे’ की गिरफ्त में भागलपुर के काफी युवा आ चुके हैं. यहां के 50 फीसदी युवा नाइट फोन कॉलिंग व चैटिंग में तीन घंटे का समय व्यतीत करते हैं. कुछ टेलीकॉम कंपनियों की अनलिमिटेड कॉलिंग व नेट सर्फिंग फेसिलिटी का उपयोग युवा पीढ़ी अपनी गर्ल फ्रेंड या ब्वॉय फ्रेंड से बातें करने में करते हैं.

भद्दी बातें करते हैं : 95% लड़कियों का कहना था कि उनके मोबाइल पर अक्सर अनजान लड़कों के भद्दे फोन आते हैं. 70% लड़कियों को आशंका है कि लड़कों के पास उनके नंबर सहेलियों, पड़ोसियों या फिर इजी रिचार्ज की दुकानों के जरिये पहुंचते हैं.
ऐसा है ‘नशा’
95 प्रतिशत युवक व युवतियों ने बताया कि चार बार कॉल व मैसेज आने से उनकी पढ़ाई बाधित होती है. लेकिन फोन पर बातें न हो, तो बेचैनी बढ़ जाती है. 50 फीसदी युवा महीने में 300 से 500 रुपये का कूपन रिचार्ज करते हैं.
घर से निकलते ही कॉलिंग
शत-प्रतिशत युवक युवतियों ने खुद के बारे में तो नहीं, लेकिन दूसरों के बारे में बताया कि फलां घर से निकलते ही अपने ब्वाॅय या गर्ल फ्रेंड से मोबाइल पर बातें करना शुरू कर देते हैं. गंतव्य तक पहुंचने तक वे एक दूसरे से बातचीत करते रहते हैं. वे अपने माता-पिता से ऐसी बातों को छिपाते हैं. इसके कारण युवाओं में झूठ बोलने की आदत-सी हो जाती है.
आजादी नहीं मिलती, नहीं
जाते सरकारी हॉस्टल
एसएम कॉलेज के होस्टल में छात्राएं नामांकन लेने से कतराती हैं, जबकि यहां के होस्टल सुरक्षित हैं और यहां रहने में खर्च भी कम करना पड़ता है. कॉलेज में जब इसका कारण जानना चाहा, तो पता चला कि होस्टल में रहनेवाली छात्राओं को कॉलेज के बाहर ट्यूशन पढ़ने के लिए जाने की आजादी नहीं है. कॉलेज में मोबाइल फोन पर बातें करने की मनाही है. कॉलेज के कैंपस में तीन होस्टल मैन कैंपस में है. कॉलेज के सामने एससी, एसटी व बीसी के लिए तीन होस्टल हैं और एक शारदा छात्रावास है. इनमें 1500 सीटें उपलब्ध हैं. लेकिन किसी भी वर्ष सीटें नहीं भर पाती. वहीं निजी लॉज में जगह नहीं मिल पाती.

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