स्टेशन पर यात्रियों को नहीं मिलती सुविधा
फीडबैक. रेलवे बोर्ड की टीम ने माना यात्रियों ने समिति सदस्यों को बताया, टीम के आने के बाद होती है सफाई, नहीं तो स्वच्छता नदारद द्वितीय श्रेणी प्रतीक्षालय के शौचालय में शुल्क दो रुपये की जगह दस रुपये लेने पर जतायी नाराजगी भागलपुर : रेलवे की सुविधाओं को जानने के लिए रेलवे बोर्ड की यात्री […]
फीडबैक. रेलवे बोर्ड की टीम ने माना
यात्रियों ने समिति सदस्यों को बताया, टीम के आने के बाद होती है सफाई, नहीं तो स्वच्छता नदारद
द्वितीय श्रेणी प्रतीक्षालय के शौचालय में शुल्क दो रुपये की जगह दस रुपये लेने पर जतायी नाराजगी
भागलपुर : रेलवे की सुविधाओं को जानने के लिए रेलवे बोर्ड की यात्री सुविधा समिति की दो सदस्यीय टीम मंगलवार को भागलपुर पहुंची. जमालपुर से मालदा-इंटरसिटी एक्सप्रेस से अायी टीम में रामानंद त्रिपाठी और मनीषा चक्रवर्ती शामिल थे. दोनों ने स्टेशन पर यात्रियों सुविधा के बारे में यात्रियों का फीडबैक लिया. जिस ट्रेन से वे जमालपुर से आये वह भी 20 मिनट लेट आयी. सदस्यों ने स्टेशन के पार्किग स्थल को भी जाकर देखा. स्टेशन के फूड प्लाजा और भोजनालय के मेन्यू और भोजन के बारे मेंं वहां भोजन कर रहे यात्रियों से बात की. दोनों सदस्यों को स्टेशन की व्यवस्था के बारे में सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह की बातें सुनने को मिलीं.
यात्रियों ने बोर्ड के दोनों सदस्यों को ट्रेनों के परिचालन में सुधार और प्लेटफॉर्म पर पेयजल की सुविधा बढ़ाने को कहा. वेंडिग मशीन और गरमी में सभी प्लेटफॉर्म पर वाटर कूलिंग मशीन लगाने को कहा गया. खुद दोनों सदस्यों ने महसूस किया किया कि ए वन कहलाने वाले इस स्टेशन पर यात्रियों के लिए जो सुविधा होनी चाहिए, वह सुविधा पूरी तरह नहीं मिल रही है.
दोनों सदस्यों ने कहा कि प्लेटफॉर्म पर बुजुर्ग, दिव्यांग सहित सभी यात्रियों के लिए स्वचालित सीढ़ी और रैंप होना चाहिए. इस बात की जानकारी बोर्ड को दी जायेगी. दोनों सदस्यों ने इसके पहले साहेबगंज और जमालपुर स्टेशन का भी निरीक्षण किया. उनके साथ एडीआरएम, सीनियर डीएन भी साथ थे. टीम के सदस्य गार्ड बोगी से सटी विभिन्न क्षमता वाली दिव्यांगों के लिए विशेष बोगी में बैठ कर आये. जब इस बोगी से आने के बारे में पूछा गया तो सदस्य रामानंद त्रिपाठी ने कहा कि जमालपुुर से सड़क मार्ग से आने वाले थेे,
लेकिन ट्रेन से आना पड़ा.
रसीद बीस की, लेते हैं 40 रुपये.स्टेशन परिसर के स्टैंड का भी रेलवे बोर्ड की यात्री सुविधा समिति के सदस्यों ने जायजा लिया. उन्होंने वहां ऑटो लगानेवाले एक ड्राइवर से बात की, तो उसने बताया स्टैंड में गाड़ी पार्किंग का चालीस रुपये लिया जाता है, जबकि रसीद सिर्फ 20 रुपये की ही दी जाती है. वहीं बाइक वाले स्टैंड को भी देखा गया. एक सफाई कर्मी से पूछा भाई पैसे कैश लेते हो कि बैंक एकाउंट में, तो उसने बताया कैश.
इस पर दोनों सदस्यों ने संवेदक से सभी के पैसे बैंक खाता खुलवा कर उसमें डालने का निर्देश दिया. मौके पर स्टेशन अधीक्षक ओंकार प्रसाद, मुख्य यार्ड प्रबंधक डीसी झा, रेलवे के वरीय चिकित्सक डॉ सतेंद्र कुमार, सीआइटी आरएन पासवान सहित कई अधिकारी साथ थे.
सर, आपके आने पर है चकाचक व्यवस्था
भागलपुर स्टेशन पर सुल्तानगंज के यात्री सुमन कुमार चौधरी, चंद्रदीप सिंह, त्रिपुरारी नाथ सहित कई यात्रियों ने स्टेशन की सफाई व्यवस्था को चकाचक बताया. जबकि कई यात्रियों ने कहा कि जब कोई अधिकारी निरीक्षण करने आता है तो सारी व्यवस्था चकाचक हो जाती है, नहीं तो सफाई व्यवस्था खत्म हो जाती है. द्वितीय श्रेणी प्रतीक्षालय में बैठे यात्री संजय मंडल और धर्मेंद्र कुमार चौधरी ने कहा कि सफाई व्यवस्था नहीं है. शौचालय और स्नान के पांच रुपये लगते हैं, लेकिन यहां दस रुपये लिया जाता है. इस बात पर सदस्य रामानंद त्रिपाठी ने कहा कि यह ठीक नहीं है. संवेदक को व्यवस्था सही करने और मूल्य अनुसार पैसा लेने का निर्देश दिया. निरीक्षण के बाद दोनों सदस्यों ने पत्रकारों से बात की और कहा कि यात्रियों से जो फीडबैक लिया, उसे बोर्ड के सामने रखा जायेगा.
24 घंटे की ड्यूटी अमानवीय, इसे ठीक करें
द्वितीय श्रेणी प्रतीक्षालय में शौचालय के बाहर ड्यूटी मेें लगी महिलाकर्मी संजू देवी से जब रेलवे बोर्ड की टीम ने पूछा कि कितने घंटे काम करती हो, तो उसने कहा साहेब 24 घंटे काम करती हूं. थक जाने पर बेटे को यहीं रखती हूं और इसके बदले पगार पांच हजार रुपये मिलता है. इस पर दोनों सदस्यों ने कहा कि यह अमानवीय व्यवहार है. इसे रोका जाये और 12-12 घंटे के दो शिफ्ट में काम करवाया जाये. अगर संवेदक ने ऐसा नहीं किया, तो जुर्माना लगाया जाये.