सात दिन अभियान, धरा रह गया प्लान
ट्रैफिक व्यवस्था ध्वस्त . फाइल में बंद हो गयी ऑटो कोडिंग की योजना भागलपुर : स्मार्ट सिटी की ट्रैफिक व्यवस्था को व्यवस्थित करने के लिये सात हजार ऑटो की कोडिंग कर छह निर्धारित रूटों पर दौड़ाने की योजना खुद अव्यवस्थित हो गयी. सात दिनों तक (4 से 10 दिसंबर तक) चले अभियान के बाद ऑटो […]
ट्रैफिक व्यवस्था ध्वस्त . फाइल में बंद हो गयी ऑटो कोडिंग की योजना
भागलपुर : स्मार्ट सिटी की ट्रैफिक व्यवस्था को व्यवस्थित करने के लिये सात हजार ऑटो की कोडिंग कर छह निर्धारित रूटों पर दौड़ाने की योजना खुद अव्यवस्थित हो गयी. सात दिनों तक (4 से 10 दिसंबर तक) चले अभियान के बाद ऑटो कोडिंग का प्लान धरा का धरा रह गया. ठीक दो माह बीत चुका है पर परिवहन विभाग व पुलिस प्रशासन दोबारा कोडिंग शुरू करने की बात तो दूर इसके लिये तारीख तक तय नहीं कर पाया है.
सड़कों पर बेतरतीब दौड़ते ऑटो को शहर में जाम का मुख्य कारण मानते हुए प्रशासन ने कोडिंग की व्यवस्था शुरू की थी. दिसंबर में चले अभियान के तहत सात दिनों में 781 ऑटो की कोडिंग की गयी. छह रूटों का निर्धारण कर पुलिस कोड व कलर कोड भी दिया गया. इसके बाद प्लान को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. हालांकि परिवहन विभाग व पुलिस प्रशासन की जल्द बैठक होने वाली है, जिसमें कोडिंग की तारीख तय किये जाने की संभावना है.
सात शर्तों के कारण 10 फीसदी ऑटो की ही कोडिंग : परिवहन विभाग की शर्तों के मुताबिक ऑनर बुक, रोड परमिट, टैक्स टोकन, फिटनेस, प्रदूषण, ड्राइविंग लाइसेंस, इश्योरेंस के कागजात देने वाले ऑटो की ही कोडिंग हो सकती है. इन सात दस्तावेजों ने सात हजार ऑटो रिक्शा की कोडिंग नहीं होने दी. जानकारी के मुताबिक एक चौथाई ऑटो रिक्शा चालकों के पास दस्तावेज ही नहीं हैं.