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चंद्रलोक कॉलोनी में बांस के सहारे झूल रहा तार

भागलपुर : बबरगंज थाने से महज कुछ दूरी पर सूर्यलोक कॉलोनी के बाद चंद्रलोक कॉलोनी है, जो ठीक बागबाड़ी के नजदीक है. यहां पूरे कॉलोनी में बांस के सहारे लोग बिजली जलाने को मजबूर हैं. ऐसा नहीं है कि यहां के लोगों ने फ्रेंचाइजी कंपनी को इससे अवगत नहीं कराया है और बांस के बदले […]

भागलपुर : बबरगंज थाने से महज कुछ दूरी पर सूर्यलोक कॉलोनी के बाद चंद्रलोक कॉलोनी है, जो ठीक बागबाड़ी के नजदीक है. यहां पूरे कॉलोनी में बांस के सहारे लोग बिजली जलाने को मजबूर हैं. ऐसा नहीं है कि यहां के लोगों ने फ्रेंचाइजी कंपनी को इससे अवगत नहीं कराया है और बांस के बदले सीमेंट का पोल लगाने का आग्रह नहीं किया है. मगर, फ्रेंचाइजी कंपनी ने ध्यान देना ही उचित नहीं समझा है, जिसका परिणाम है कि भागलपुर की बिजली निजीकरण के बाद से अभी तक बांस के सहारे ही बिजली जलाने को मजबूर है. घर बनते जा रहा है और लोग बिजली के लिए बांस खड़ा करते जा रहे हैं.

पूरे कॉलोनी में बांस का जाल बिछ गया है. कॉलोनी के विनोद सिंह ने बताया कि ऐसे तो पूरे कॉलोनी में सीमेंट की पोल लगाने की जरूरत है. सिताराम साह, शंभु साह, चक्रध्वज तिवारी, प्रभु साह, गिरीश झा, आेम प्रकाश शर्मा सहित कई लोगों के घर के नजदीक बांस की जगह पर सीमेंट का पोल बेहद जरूरी है. उक्त स्थानों पर आये दिन तार टूट कर गिर रहा है और लोग करंट की चपेट में आने से बाल-बाल बचे रहे हैं. फ्रेंचाइजी कंपनी ने अगर कनेक्शन दिया है, तो लोगों के घर तक बिजली पहुंचाने की व्यवस्था भी उन्हें ही करनी है.

बरसात में घर से निकलना हो जाता मुश्किल: कॉलोनी के लोगों ने बताया कि बरसात में लोगों को घर से निकला मुश्किल हो जाता है. गड्ढे में कॉलोनी है और यहां बरसात का पानी जमा हो जाता है. सड़क भी कच्ची है. ऐसी स्थिति में जब तार के भार से बांस गिर जाता है और तार टूटता है, तो करंट फैल जाता है. इसको हटाने की हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं. बिजली बाधित रहती है
और कई-कई दिनों तक कॉलोनी अंधेरे में डूबा रह जाता है. आम दिनों में भी तार टूटने से बिजली बाधित रहती है. अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा, तो भी लो वोल्टेज बिजली कोई काम का नहीं रहता है. लोगों ने बताया कि साल में दो बार बांस और एक बार सर्विस वायर बदलना होता है. हर व्यक्ति को साल में एक बार बिजली के लिए अतिरिक्त पांच हजार रुपये तक खर्च करना पड़ता है.
आधारभूत संरचना कमजोर रहने से नहीं खुल रहे उद्योग-धंधे
चंद्रलोक कॉलोनी में अधिकतर लोग कमाने-खाने वाले हैं. वह चाहते हैं कि छोटा-मोटा रोजगार कॉलोनी में करे. मगर, आधारभूत संरचना कमजोर रहने से वह सभी लघु व सूक्ष्म उद्योग नहीं लगा पा रहे हैं. लोगों का कहना है कि सीमेंट का पोल लग जायेगा, तो वॉल्टेज कांस्टेंट मिलेगा. बिजली आपूर्ति बाधित नहीं होगी. उद्योग-धंधे का विस्तार होगा
तीन साल से लोग कर रहे शिकायत, फिर भी ध्यान नहीं दे रही फ्रेंचाइजी कंपनी
बाेले लोग
फ्रेंचाइजी कंपनी को आवेदन देते-देते थक गये हैं. पोल नहीं लगाया गया. बांस के सहारे जलने वाली बिजली से धोखा तो मिलता ही है, दुर्घटना की भी संभावना बनी रहती है.
चक्रध्वज तिवारी
कॉलोनी की गलियों में चलने में डर लगता है. बच्चों को मुख्य सड़क तक छोड़ना पड़ता है. कब, कौन सा तार टूट कर गिर जायेगा, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल हो गया है.
विनोद सिंह
कमिश्नर ने किया बिजली अव्यवस्था पर फ्रेंचाइजी कंपनी को तलब
प्रमंडलीय आयुक्त ने गुरुवार को न्यू हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में बांस के सहारे जल रही बिजली पर फ्रेंचाइजी कंपनी को तलब किया है. उन्होंने पूछा है कि न्यू हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में सीमेंट का पोल क्यों नहीं लगा है. इस पर फ्रेंचाइजी कंपनी ने जवाब दिया है कि कॉलोनी के उपभोक्ताओं पर बिजली का बिल बकाया है, जिसके चलते सीमेंट का पोल नहीं लगाया जा रहा है. उपभोक्ताओं का कहना है कि वह नियमित बिजली बिल का भुगतान करते आ रहे हैं. इसकी जानकारी फ्रेंचाइजी कंपनी को है. अगर कोई बिल का भुगतान नहीं कर रहा है, तो उसका कनेक्शन काट दे. बकाया बिल के नाम पर व्यवस्था नहीं सुधारने की बात कहना न्यायोचित नहीं है. जो उपभोक्ता बिल का भुगतान करते आ रहे हैं, वह क्यों सफर करेंगे.

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