कैसे होगा मधुमेह मरीजों का इलाज

सदर अस्पताल. न जांच मशीन ठीक, न िवशेषज्ञ चिकित्सक भागलपुर : सदर अस्पताल में चल रहे मधुमेह प्राथमिक उपचार केंद्र के लिए स्वास्थ्य विभाग ने दो विशेषज्ञ चिकित्सकों की सूची मांगी. एक माह बाद न तो इन चिकित्सकों का नाम तय हो पाया और न ही ट्रेनिंग हुई. अब इस केंद्र को विधिवत चलाने का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 20, 2017 3:58 AM

सदर अस्पताल. न जांच मशीन ठीक, न िवशेषज्ञ चिकित्सक

भागलपुर : सदर अस्पताल में चल रहे मधुमेह प्राथमिक उपचार केंद्र के लिए स्वास्थ्य विभाग ने दो विशेषज्ञ चिकित्सकों की सूची मांगी. एक माह बाद न तो इन चिकित्सकों का नाम तय हो पाया और न ही ट्रेनिंग हुई. अब इस केंद्र को विधिवत चलाने का फरमान शासन स्तर पर आ गया. ऐसे में बड़ा यक्ष प्रश्न कि कैसे इस केंद्र से शुगर के मरीजों का इलाज बेहतर तरीके से होगा.
एक माह पहले नाम तय करने के लिए आया था पत्र
सिविल सर्जन को करीब एक माह पहले स्वास्थ्य विभाग से पत्र आया था कि एनपीसीडीएस(नेशनल प्रोग्राम फार प्रीवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ कैंसर, डायबिटिज, कार्डियो वैस्कुलर डिजीजेज एंड स्ट्रोक) कार्यक्रम भारत सरकार का महत्वपूर्ण कार्यक्रम है. एनपीसीडीसीएस कार्यक्रम के तहत नोवो नार्डिस्क एजुकेशन फाउंडेशन (एनएनइएफ) द्वारा मधुमेह नियंत्रण कार्यक्रम को चलाने के लिए सदर अस्पताल में मधुमेह प्राथमिक उपचार केंद्र खोला जाये. इस केंद्र को चलाने के लिए सदर अस्पताल स्तर से दो चिकित्सक व दो एएनएम का नाम तय कर उसे प्रशिक्षण के लिए भेजा जाये. इस पत्र को जारी किये अब करीब एक माह हो चुका है.
अब दोबारा आया केंद्र चलाने के लिए पत्र
मधुमेह प्राथमिक उपचार केंद्र के संचालन के लिए राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ महेश कुमार सिन्हा ने नौ फरवरी को एक और पत्र जारी कर दिया. उन्होंने कहा है कि इस केंद्र को चलाने के लिए सदर अस्पताल में एक कमरा व्यवस्था किया जाये. यहां पर प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके डॉक्टर व पैरामेडिकलकर्मियों को पीसीडीएस दिवस पर तैनात किया जाये. इलाज के लिए आने वाले मधुमेह मरीजों को मधुमेह पुस्तिका, ओसीआर फाॅर्म, डायट चार्ट, रिपोर्ट कार्ड, पहचान पत्र दिये जाये. स्क्रीनिंग मेटेरियल जैसे, लैंसेट्स, ग्लूकोस्ट्रिप्स, ग्लूको मीटर की व्यवस्था की जाये. पत्र में इसे बहुत जरूरत कार्य होने का जिक्र कहा गया है.

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