सुसाइड नोट दिये बिना ही ताला बंद कर निकल गये परिजन
22 फरवरी को बबरगंज के कमलनगर में आइटीआइ छात्र सुधांशु ने आत्महत्या कर ली थी बांका का सुधांशु अपने मौसा के घर पर रहकर पढ़ाई करता था भागलपुर : बबरगंज के कमलनगर में 22 फरवरी को आइटीआइ छात्र सुधांशु के आत्महत्या मामले में संदेह बढ़ता जा रहा है. छात्र के आत्महत्या करने के तीन दिन […]
22 फरवरी को बबरगंज के कमलनगर में आइटीआइ छात्र सुधांशु ने आत्महत्या कर ली थी
बांका का सुधांशु अपने मौसा के घर पर रहकर पढ़ाई करता था
भागलपुर : बबरगंज के कमलनगर में 22 फरवरी को आइटीआइ छात्र सुधांशु के आत्महत्या मामले में संदेह बढ़ता जा रहा है. छात्र के आत्महत्या करने के तीन दिन बाद उसके मौसा और चाचा सुसाइड नोट की फोटो कॉपी लेकर बबरगंज पुलिस के पास गये थे. पुलिस ने उनसे सुसाइड नोट की ऑरिजिनल कॉपी मांगी थी. कई दिनों तक सुसाइड नोट की ऑरिजिनल कॉपी नहीं मिलने पर सोमवार को बबरगंज पुलिस कमलनगर स्थित सुधांशु के मौसा के घर पहुंची तो वहां कोई नहीं था.
घर के दरवाजे में ताला लगा हुआ था. सुसाइड नोट की ऑरिजिनल कॉपी जब तक न मिल जाये और उसकी लिखावट को सुधांशु के लिखावट से जबतक न मिला लिया जाये तबतक यह नहीं कहा जा सकता कि वह सुसाइड नोट किसका लिखा हुआ है. सुधांशु के परिजनों की इस तरह की गतिविधि से मामला संदेहास्पद होता जा रहा है. सुधांशु की मौसेरी बहन की ननद पिछले तीन महीने से यहीं थी और सुधांशु के मोबाइल में उसकी कई फोटो मिले थे. पहली नजर में सुधांशु के आत्महत्या के पीछे प्रेम प्रसंग का मामला दिख रहा.