गरीबों को घर का किराया भी देगी सरकार
भागलपुर: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार भागलपुर समेत देश के सभी 100 स्मार्ट शहरों में जल्द 2700 करोड़ रुपये की नयी कल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत करने जा रही है. इसके तहत शहरी गरीबों को घर का किराया देने की भी योजना है. इस योजना को सभी के लिए आवास देने की दिशा में बड़ा कदम […]
भागलपुर: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार भागलपुर समेत देश के सभी 100 स्मार्ट शहरों में जल्द 2700 करोड़ रुपये की नयी कल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत करने जा रही है. इसके तहत शहरी गरीबों को घर का किराया देने की भी योजना है. इस योजना को सभी के लिए आवास देने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है.
केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत अगले वित्त वर्ष (2017-18) से हो सकती है. दिलचस्प बात ये है कि इस योजना में राज्यों को किसी भी तरह का सहयोग भी नहीं करना है. पूरी योजना केंद्र प्रायोजित होगी.
स्थानीय निकाय तय करेगी राशि
स्थानीय निकाय शहरी गरीबों की किराया राशि तय कर सकेंगे. रेंट वाउचर की वैल्यू शहर और कमरे के साइज के हिसाब से निकाय तय करेगा. सरकार डीबीटी की संभावना भी तलाश रही है.
बेनामी संपत्ति का भी किया जायेगा इस्तेमाल
केंद्र व राज्य की सरकारें स्मार्ट सिटी में जब्त की गयी सभी बेनामी संपत्तियों का इस्तेमाल भी किफायती घर बनाने के लिए करेगी. इससे रेंटल हाउसिंग के लिए एक और रास्ता खुल गया है. इसके तहत जिन घरों को जब्त किया जायेगा, उन्हें मिडिल इनकम ग्रुप (एमआइडी), लो इनकम ग्रुप (एलआइडी) और गरीबों को रेंटल हाउसिंग के लिए दिया जा सकता है.
शहरों में हर चौथा परिवार किरायेदार
2011 की जनगणना के अनुसार शहरों में करीब 27.5 प्रतिशत आबादी किराये के घरों में रहती है. हालांकि नेशनल सैंपल सर्वे के मुताबिक 2009 में शहरों में 35 फीसदी लोग किराये के घरों में रहते थे. यह 1991 के बाद से 2011 के बीच इतना ही बढ़ पाया है.