विवि को 104 शिक्षक मिले, 103 का योगदान अटका

भागलपुर: बिहार लोक सेवा आयोग ने तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के लिए 104 शिक्षकों का चयन कर सूची जारी कर दी है. लेकिन भागलपुर विश्वविद्यालय को इनमें सिर्फ मैथिली के लिए एक शिक्षक का लाभ टीएनबी कॉलेज को मिल रहा है. यानी 103 शिक्षक अब तक योगदान का इंतजार ही कर रहे हैं. पिछले दो साल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 18, 2017 8:37 AM
भागलपुर: बिहार लोक सेवा आयोग ने तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के लिए 104 शिक्षकों का चयन कर सूची जारी कर दी है. लेकिन भागलपुर विश्वविद्यालय को इनमें सिर्फ मैथिली के लिए एक शिक्षक का लाभ टीएनबी कॉलेज को मिल रहा है. यानी 103 शिक्षक अब तक योगदान का इंतजार ही कर रहे हैं. पिछले दो साल से चल रही नियुक्ति प्रक्रिया के बाद यह हाल है. विवि को कम से कम 1000 शिक्षकों की जरूरत के बावजूद महज 100 शिक्षकों को सरकार योगदान नहीं करा पा रही है.
विवि में कई कॉलेज बंद होने के कगार पर : तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में हर साल परीक्षाओं में लगभग 1.25 लाख छात्र शामिल होते हैं. इन विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए करीब 500 शिक्षक रह गये हैं. टीएमबीयू के एसएम कॉलेज जैसे संस्थान में 32 शिक्षकों के ऊपर 8000 छात्राओं की पढ़ाई निर्भर है. इस साल यहां पांच और शिक्षक रिटायर हो जायेंगे. ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे कई कॉलेज हैं, जो प्राथमिक विद्यालय की तरह छह-सात शिक्षकों के भरोसे चल रहे हैं. छह-सात शिक्षकों के भरोसे चलनेवाले कॉलेजों में केडीएस कॉलेज गोगरी, केकेएम कॉलेज जमुई, केएमडी कॉलेज परबत्ता आदि हैं. हर साल शिक्षक रिटायर तो कर रहे हैं, पर नियुक्ति नहीं हो रही.
यह है शिक्षकों की नियुक्ति
प्रक्रिया : बीपीएससी द्वारा की जा रही चयन प्रक्रिया से लेकर शिक्षकों के योगदान तक चार चरण से गुजरना है. जानकारों के अनुसार पहले बीपीएससी द्वारा अभ्यर्थियों को चयन किया जाना है. चयनित शिक्षकों की सूची बीपीएससी द्वारा शिक्षा विभाग को भेजी जायेगी. शिक्षा विभाग संबंधित सूची पर अनुमति देते हुए संबंधित विश्वविद्यालय को सूची उपलब्ध करायेगा. इसके बाद विश्वविद्यालय में सिंडिकेट की बैठक आयोजित कर सूची में शामिल शिक्षकों को योगदान देने की अनुमति प्रदान की जायेगी. फिर विश्वविद्यालय प्रशासन शिक्षकों को अलग-अलग कॉलेजों में योगदान देने के लिए पत्र निर्गत करेगा. इसके बाद ही शिक्षक योगदान देकर पठन-पाठन सेवा प्रदान करना शुरू कर सकेंगे.

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