भागलपुर : पशु प्रेमियों के लिए यह बुरी खबर है. भागलपुर में सूने मैदानी इलाके से आहत नौ हाथी इस इलाके को बाय-बाय कह गये और इसकी चिंता तक कहीं नहीं झलकती. कभी-कभार इस जिले में एक हाथी को भ्रमण करते देखा जाता है. इस हाथी ने इसलिए यह इलाका नहीं छोड़ा कि यह पीरपैंती के एक घर में पल रहा है.
गोपालन में भागलपुर की सानी नहीं है. यहां जितने पशु पलते हैं, उनमें सर्वाधिक संख्या गाय की है. भेड़ केवल शाहकुंड में पाला जाता है. बुजुर्ग बताते हैं कि 30-35 वर्ष पहले भागलपुर में हाथियों की संख्या काफी थी. वर्ष 2012 में यह संख्या एक हो गयी, लेकिन वर्ष 2013-14 में नौ और हाथी भागलपुर आये. कुछ महीने रहे भी, लेकिन उन्हें न तो किसी ने रखना चाहा और न ही उन्हें रहने के लिए अनुकूल माहौल मिला. आखिरकार कुछ महीने के प्रवास के बाद वह विदा हो लिये.
2.22 फीसदी है वन क्षेत्र : किसी भी क्षेत्र में 33 फीसदी वन होना चाहिए. दूसरी ओर भागलपुर के वन प्रमंडल पदाधिकारी ने बताया कि वर्ष 2014 की रिपोर्ट के अनुसार भागलपुर में 2.22 प्रतिशत वन क्षेत्र है. 2011 में यह क्षेत्र 1.66 प्रतिशत था. भागलपुर में शहरी क्षेत्र अधिक है. यहां केवल सड़क किनारे, स्कूल-कॉलेज परिसर आदि ही पौधरोपण का विकल्प है. हर साल किसानों को लाखों पौधे देकर प्रोत्साहित किया जाता है.
पीरपैंती में पलता है एक हाथी : पीरपैंती में स्व रघुनंदन यादव के पुत्र एक हाथी पालते हैं. सामाजिक समारोहों, जुलूस, शिवरात्रि आदि में इसकी शोभा देखते ही बनती है.
30-35 वर्ष पहले अच्छी-खासी संख्या में थे गजराज
लोगों को जंगल से नहीं पालन के कारण देखने को कभी-कभार मिलते हाथी
गोपालन में भागलपुर सबसे आगे, भेड़ पालने में शाहकुंड इकलौता इलाका
वर्ष 2012 में यहां एक हाथी था. बीच में नौ और हाथी बाहर से यहां आ गये, लेकिन मैदानी और बिना वन क्षेत्र का इलाका होने के कारण बाहर से आये नौ हाथी अधिक दिनों तक नहीं रह सके. दूसरी ओर अन्य पालतू पशुओं की संख्या यहां लगातार बढ़ रही है.
डॉ जीके झा, जिला पशुपालन पदाधिकारी
पशुगणना के आंकड़े
पशु 2012 2016
गाय. 459908 .673351
भैंस. 193939 283946
बकरी 497438 728298
बतख 14377 21049
टर्की 1781 2607
बटेर 169 247
भेड़. 499 730
घोड़ा 1525 1586
कुत्ता 5222 7645
सुअर 8512 12462
हाथी 01 01