देश में कहीं पर भी जमा हो सकेगा रजिस्ट्री चालान
मद्द निषेध, उत्पाद व निबंधन कर रहा तैयारी एक अप्रैल से ऑनलाइन आवेदन पर मिलेगी सुविधा ऑनलाइन रजिस्ट्री आवेदन के साथ निकलेगा चालान भागलपुर : जमीन रजिस्ट्री की ऑनलाइन प्रक्रिया में एक और सुविधा मिलने जा रही है. इसके लिए मद्द निषेध, उत्पाद व निबंधन अंतिम तैयारी कर रहा है. कंप्यूटराइजेशन कर रही स्कोर एजेंसी […]
मद्द निषेध, उत्पाद व निबंधन कर रहा तैयारी
एक अप्रैल से ऑनलाइन आवेदन पर मिलेगी सुविधा
ऑनलाइन रजिस्ट्री आवेदन के साथ निकलेगा चालान
भागलपुर : जमीन रजिस्ट्री की ऑनलाइन प्रक्रिया में एक और सुविधा मिलने जा रही है. इसके लिए मद्द निषेध, उत्पाद व निबंधन अंतिम तैयारी कर रहा है. कंप्यूटराइजेशन कर रही स्कोर एजेंसी ऑनलाइन चालान को जमा करने की सुविधा का विस्तार कर रही है. जिससे आवेदक रजिस्ट्री का चालान देश भर में कहीं भी बैंक में जमा करा सकेगा. नयी सुविधा का लाभ एक अप्रैल से शुरू होने की संभावना है. चालान संबंधी नयी सुविधा के शुरू होते ही घर बैठे रजिस्ट्री आवेदन का काम भी आसान हो जायेगा. निबंधन विभाग के घर बैठे रजिस्ट्री आवेदन में अब तक चालान भरने का प्रावधान संंबंधित रजिस्ट्री कार्यालय के संबंधित बैंक से ही हो रहा है.
इस कारण घर बैठे आवेदक रजिस्ट्री का आवेदन तो कर लेते हैं, मगर चालान जमा कराने के लिए उसे संबंधित रजिस्ट्री कार्यालय से जुड़े बैंक में आकर कराना पड़ता है. आवेदक को रजिस्ट्री को लेकर चालान स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के शाखा में ही ट्रेजरी चालान के रूप में देना होता है.
भागलपुर में ऑनलाइन रजिस्ट्री आवेदन की सुविधा बंद है. इस बारे में स्कोर एजेंसी से जुड़े अधिकारी का कहना है कि विगत दिनों पटना, हाजीपुर सहित कुछ ही जिलों में ऑनलाइन आवेदन हो रहा है. यह वेबसाइट में तकनीकी खराबी के कारण हो रहा है. जल्द ही भागलपुर में ऑनलाइन रजिस्ट्री आवेदन नयी सुविधा के साथ शुरू होगा.
जमीन का सरकारी दर बढ़ाने की तैयारी भी शुरू
निबंधन विभाग की बैठक में मिले दर संशाेधन के निर्देश पर काम शुरू हो गया है. जमीन के सरकारी दर को बढ़ाने के लिए अंचल स्तर से हाल के बाजार दर की अनुमानित राशि मांगी जायेगी. जिलाधिकारी स्तर पर गठित कमेटी अंचल के भेजे अनुमानित राशि पर विचार करेगी. बता दें कि पिछले वर्ष 2015 के मार्च से बढ़े सरकारी दर पर जमीन की रजिस्ट्री हो रही है. सरकार की तरफ से दोबारा सरकारी दर बढ़ाने के बाद विभाग सक्रिय हो गया है. अंचल स्तर पर तीन अलग-अलग वर्ग में जमीन का सरकारी दर निर्धारित होता है. इसमें कृषि, विकासशील सह आवासीय तथा विकसित की श्रेणी है.