पटना : केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने आज राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को जवाब देते हुए एक के बाद कई ट्वीट किया है. रविशंकर प्रसाद ने अपने एक ट्वीट मेंलिखा है कि देश की राजनीति बदल गयी है लालू जी, पीएम नरेंद्र मोदी आज पूरे देश के साथ-साथ गरीबों पिछड़ों दलितों और अतिपिछड़ों के भी आशा के केंद्र हैं.
देश की राजनीति बदल गयी है @laluprasadrjd। @narendramodi आज पूरे देश के साथ साथ गरीबों पिछड़ों दलितों और अतिपिछड़ों के भी आशा के केंद्र हैं।
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) April 3, 2017
दरअसल,राजदसुप्रीमाे लालू यादव ने एक दैनिक समाचार पत्र कोदियेअपने साक्षात्कार में कहा था कि फासिस्ट ताकतों को रोकने के लिए सबको एकजुट करने में अपनी भूमिका अदा करूंगा. मेरी कोई शर्त नहीं है. मैंने और नीतीश जी ने पहल की,जिसकेबाद बिहार में कांग्रेस के साथ तीनों दलों का महागठबंधन बनाऔर नतीजा सामने है. इसी तरह, अब देश के स्तर पर यह प्रयास होगा, जिसकी जहां भी जितनी ताकत हो, सबको बटोरकर एक करना है. इतिहास गवाह है, टुकड़ों में बंटकर भारतीय राजाओं ने अपने दम पर विदेशी हमलावरों का मुकाबला किया और हारते रहे. गजनी-बाबर से हारे, उनके लिए रास्ता प्रशस्त हुआ.
लालू प्रसाद के इस बयान का जवाब देते हुए रविशंकर प्रसाद ने ट्वीटमेंलिखाहै, आज प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी जी का नेतृत्व और उनकी सरकार के कार्यक्रम गरीबों में नया विश्वास जगा रहे हैं. इसलिए हमारी भारी जीत हो रही है. अब की भारत को महान बनाने की आशा की राजनीति सिर्फ अवसरवाद स्वार्थ और परिवारवाद की राजनीति करने वाले दलों की एकता से नहीं रुकेगी.
अब @narendramodi की भारत को महान बनाने की आशा की राजनीति सिर्फ अवसरवाद स्वार्थ और परिवारवाद की राजनीति करने वाले दलों की एकता से नहीं रुकेगी
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) April 3, 2017
रविशंकर प्रसाद नेअपनेएक अन्य ट्वीट में लिखा है कि अवसरवादी दलों की एकता की ये कहानी पिछले 25-30 सालों से चल रही है लालू यादवजी और अब देश सुनने वाला नहीं है. साथ ही उन्होंने एक और ट्वीट में लिखा है कि हिंदुस्तान में लालू जी का इंटरव्यू पढ़ा. अच्छा लगा कि एकता की कमी के कारण गजनी-बाबर से हार को आपने माना. बाबरी मस्जिद पर क्या कहना है?
अवसरवादी दलों की एकता की ये कहानी पिछले 25-30 सालों से चल रही है @laluprasadrjd और अब देश सुनने वाला नहीं है।
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) April 3, 2017