भागलपुर का सौभाग्य, यहां राष्ट्रपति ने मन की बात रखी
सभी ने कहा, विक्रमशिला में बने केंद्रीय विवि सभी जनप्रतिनिधियों ने विक्रमशिला के दिन लौटाने की रखी बात कहलगांव में विक्रमशिला के खुदाई स्थल के नजदीक अंतीचक में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के संबोधन से पहले तमाम जन प्रतिनिधियों ने अपने संबोधन में विक्रमशिला में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना पर जोर दिया. चाहे केंद्रीय मंत्री राजीव […]
सभी ने कहा, विक्रमशिला में बने केंद्रीय विवि
सभी जनप्रतिनिधियों ने विक्रमशिला के दिन लौटाने की रखी बात
कहलगांव में विक्रमशिला के खुदाई स्थल के नजदीक अंतीचक में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के संबोधन से पहले तमाम जन प्रतिनिधियों ने अपने संबोधन में विक्रमशिला में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना पर जोर दिया. चाहे केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूढ़ी हो या फिर मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि जल संसाधन मंत्री ललन सिंह, सभी ने एक सुर से केंद्रीय विवि की पैरवी की. सभी ने महामहिम को भरोसा दिलाया कि विक्रमशिला को लोकप्रिय बनायेंगे और इसके पुराने अस्तित्व को दोबारा वापस लौटाने का प्रयास होगा.
भागलपुर : कार्यक्रम में केंद्रीय कौशल विकास व उद्यमिता राज्य मंत्री राजीव प्रताप रुढ़ी ने कहा कि भारत के इतिहास में यह घटनाक्रम पहली बार होगा, जब राष्ट्रपति ने लोगों के सामने मन की बात रखी हो. कहलगांव में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना को लेकर उन्होंने राष्ट्रपति को भरोसा दिलाया कि आनेवाले दिनों में राज्य के साथ केंद्र मिल कर काम करेगा. उन्होंने कहा कि यहां पर विश्वविद्यालय की स्थापना करायी जायेगी. उस दिन भी आप महामहिम (राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी) आयेंगे.
बिहार की धरोहर है विक्रमशिला
गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि मेरे पास बोलने के लिए शब्द नहीं है. जिस धरती पर मैंने जन्म लिया, उस विक्रमशिला का मैं बेटा हूं. यह मेरा घर है और यहां महामहिम आये हैं. जब कभी गांव आना होता है, तब यह इच्छा होती है कि इसका भी कोई तारणहार होना चाहिए.
उन्होंने विक्रमशिला के इतिहास के बारे में बताया कि एक बार विक्रमशिला विश्वविद्यालय ने नालंदा विश्वविद्यालय के कोष (खजाना) का कंट्रोल किया था.
उस समय विक्रमशिला विश्वविद्यालय से ही वहां टीचर को देने तक के लिए पैसे भेजे गये थे. विक्रमशिला विश्वविद्यालय ने ही वाइस चांसलर का सिस्टम दिया है. उन्होंने कहा कि देश के लोगों को राष्ट्रपति के आने से विक्रमशिला का पता चलेगा. यह बिहार की धरोहर है और यहां पर केंद्रीय विश्वविद्यालय होना जरूरी है. उन्होंने राष्ट्रपति से अपील की कि विक्रमशिला के अस्तित्व को लौटा दीजिये.
सांसद बुलो मंडल ने भागलपुर में हाइकोर्ट के खंडपीठ की उठायी मांग
पीरपैंती विधायक ने ली राष्ट्रपति के साथ सेल्फी
राष्ट्रपति के मंचासीन होने पर जितना कौतुहल मंच के सामने के लोगों में था, उतना ही मंचासीन अतिथियों में भी. पीरपैंती विधायक रामविलास पासवान तो सेल्फी लेने की इच्छा को रोक नहीं पाये. सभा के दौरान उन्होंने मंच पर ही राष्ट्रपति की फोटो अपने मोबाइल में कैद कर लिया.
एक प्रतिष्ठित जनप्रतिनिधि की मां को पुलिस ने रोका : राष्ट्रपति की सुरक्षा इतनी चाक-चौबंद थी कि वीवीआइपी गेट की इंट्री में एक प्रतिष्ठित जनप्रतिनिधि की मां को प्रवेश करने से पुलिस वालों ने रोक दिया. उनकी मां व अन्य परिजन तब तक गेट पर इंतजार करते रहे, जब तक जनप्रतिनिधि मंच पर नहीं आये. मंच पर आते ही वे फौरन गेट पर गये, तब जाकर उनकी इंट्री हुई.
कुछ नहीं चाहिए, विक्रमशिला के पुराने दिन लौटा दें
स्वागत भाषण देते हुए गोड्डा सांसद के छोटे भाई संतोष दुबे ने कहा कि विक्रमशिला की धरती के लिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का आना एक इतिहास के रूप में दर्ज हो गया है. उनके यहां के प्राचीन स्थल को देखने के लिए आने से विक्रमशिला लोकप्रिय हो जायेगा. उन्होंने स्थानीय क्षेत्र की उपेक्षा की बात कहते हुए राष्ट्रपति से मांग की कि उन्हें कुछ नहीं चाहिए, बस विक्रमशिला के पुराने दिन को लौट जायें. पुराने समय में विक्रमशिला अध्ययन का केंद्र होता था. इसके बाद नालंदा विश्वविद्यालय सहित अन्य अध्ययन केंद्र का नाम आता था.
विक्रमशिला को वापस लाने में करेंगे सहयोग
मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के तौर पर आये जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि राष्ट्रपति की कार्य कुशलता, कार्यक्षमता, एेतिहासिक विरासत के प्रति रुचि से अवगत हैं. उनके इन गुणों के सभी कायल हैं. उन्होंने कहा कि 8 वीं से 13 वीं सदी तक देश के प्रमुख शिक्षण संस्थान में 200 शिक्षक पढ़ाते थे. इसमें से आतिश दीपांकर भी एक थे, जिन्होंने तिब्बत में जाकर बौद्ध धर्म में योगदान दिया. उन्होंने भरोसा दिलाया कि विक्रमशिला को वापस लाने के लिए राज्य सरकार काम करेगी.
भागलपुर में हाइकोर्ट का खंडपीठ स्थापित हो
सांसद शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल ने कहा कि तीन अप्रैल को राष्ट्रपति के आगमन का दिन स्वर्ण अक्षरों में अंकित होगा. भागलपुर पूरे देश के मानचित्र पर होगा. यहां पर सिल्क का कारोबार होता है और कपड़े पूरे देश में जाते हैं. उन्होंने विक्रमशिला में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना और हाइकोर्ट की भागलपुर में खंडपीठ की स्थापना का अनुरोध किया. उन्होंने राष्ट्रपति की प्रशंसा करते हुए कहा कि आपका लंबा अनुभव रहा है. इस अनुभव से वे देश को ऊंचाई पर ले गये हैं. सीएम नीतीश कुमार और राजद प्रमुख लालू यादव हमेशा आपकी चर्चा करते रहते हैं.
20 मिनट तक विक्रमशिला के बारे में बताया
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि एक बार छोटे से पुरजे में विक्रमशिला के बारे में लिख कर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पास गया था. मगर जब चर्चा हुई तो महामहिम ने करीब 20 मिनट तक विक्रमशिला विश्वविद्यालय के बारे में बताया. यह दर्शाता है कि महामहिम विक्रमशिला के प्रति गंभीर हैं. अगर गोड्डा सांसद विक्रमशिला के पुत्र हैं तो राष्ट्रपति इनके पड़ोसी. उनके घर से विक्रमशिला दूर नहीं. भागलपुर का केंद्रीय विश्वविद्यालय यहीं (विक्रमशिला) पर बनेगा. गोड्डा सांसद जितनी चिंता अपनी कर्मभूमि देवघर की करते हैं, उतनी ही जन्मभूमि विक्रमशिला की भी चिंता करते हैं.