कल तक घर में था 50 मन अनाज आज दाने-दाने को हैं मोहताज
सुलतानगंज : अग्निपीड़ित भीषण अग्निकांड को ईश्वर की लीला मान कर खुद को ढाढ़ बंधा रहे हैं. शोभा देवी का 50 मन से ज्यादा अनाज चल गया है. सीताराम सिंह, भोला सिंह, अजबलाल सिंह, आनंदी सिंह, गनौरी सिंह, अधिक सिंह, फुलटुन सिंह, रमेश सिंह व अन्य लोगों का भी सबकुछ खत्म हो गया. एक मार्च […]
सुलतानगंज : अग्निपीड़ित भीषण अग्निकांड को ईश्वर की लीला मान कर खुद को ढाढ़ बंधा रहे हैं. शोभा देवी का 50 मन से ज्यादा अनाज चल गया है. सीताराम सिंह, भोला सिंह, अजबलाल सिंह, आनंदी सिंह, गनौरी सिंह, अधिक सिंह, फुलटुन सिंह, रमेश सिंह व अन्य लोगों का भी सबकुछ खत्म हो गया. एक मार्च को गोविंद सिंह की शादी हुई थी.
घर में कीमती सामान लाये गये थे. आग ने सबकुछ जला दिया. परिवार के लोगों के आंसू रुक नहीं रहे हैं. कल तक घर में 40-50 मन अनाज था, आज दाने-दाने को मोहताज बन गये हैं. विधवा रंभा देवी व नीलम देवी दहाड़ मार कर रो रही है. किसी तरह गुजर-बसर कर रही थीं. अब क्या करेंगी, यही चिंता उन्हें सता रही है. आग में झुलस कर मरे बच्चे की मां मनोरमा देवी का रो-रोकर बुरा हाल है. अग्निपीड़ितों के रिश्तेदार गांव पहुंच रहे हैं. अग्निपीड़ित रीमा देवी, सुधीर सिंह, श्यामा देवी आदि ने बताया कुछ घंटों में ही सबकुछ समाप्त हो गया.