कहीं भ्रूण तो कहीं लावारिस नवजात मिली

शहर में दो ऐसे मामले सामने आये जिसने सोचने पर मजबूर कर दिया कि किस तरह की संवेदनहीनता आती जा रही है. एक जगह बच्चे का भ्रूण मिला तो दूसरी जगह एक नवजात बच्ची फेंकी मिली. भागलपुर : बुधवार को सदर अस्पताल परिसर में पांच माह का भ्रूण फेंका मिला. इसे लोग अवैध गर्भपात का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 13, 2017 4:57 AM

शहर में दो ऐसे मामले सामने आये जिसने सोचने पर मजबूर कर दिया कि किस तरह की संवेदनहीनता आती जा रही है. एक जगह बच्चे का भ्रूण मिला तो दूसरी जगह एक नवजात बच्ची फेंकी मिली.

भागलपुर : बुधवार को सदर अस्पताल परिसर में पांच माह का भ्रूण फेंका मिला. इसे लोग अवैध गर्भपात का मामला बता रहे हैं.
आठ हजार से लेकर 12 हजार रुपये में हो रहा गर्भपात : कहा जाता है कि शहर के कई नर्सिंग होम से लेकर डिस्पेंसरी ऐसे हैं जहां पर गर्भपात का कारोबार बेखाैफ चल रहा है. तीन माह तक के गर्भ के लिए अल्ट्रासाउंड जांच से लेकर गर्भपात करने के लिए आठ हजार रुपये वसूल किया जाता है. चार से पांच माह के भ्रूण में जीवन का संचार हो जाता है. ऐसे में लोकल एनेस्थेसिया देकर उसका गर्भपात कराया जाता है. ऐसे मामले में 12 हजार रुपये तक वसूल कर लिया जाता है.
सदर अस्पताल परिसर में मिला पांच माह का भ्रूण : सदर अस्पताल के मेन गेट के बायें स्थित पानी की टंकी के पास बुधवार की सुबह करीब छह बजे एक अर्धविकसित भ्रूण मिला. अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह पांच माह का भ्रूण रहा होगा. जैसे ही इसकी सूचना अस्पताल परिसर में फैली देखने वालों का जमावड़ा लग गया. देखने वाले चर्चा कर रहे थे कि कहीं सदर अस्पताल में भी तो नहीं चल रहा गर्भपात का खेल. इस बाबत सिविल सर्जन डॉ विजय ंकुमार ने कहा कि किसी बाहरी उत्पाती द्वारा उक्त भ्रूण को सदर अस्पताल परिसर में फेंक दिया गया है. सूचना मिलते ही उक्त भ्रूण को हटाया गया. एबार्शन की गोलियों की बिक्री बढ़ी : शहर में एमपी द्विवेदी रोड, पटल बाबू रोड, बड़ी पोस्ट आफिस, घंटाघर, तिलकामांझी चौक स्थित करीब एक दर्जन ऐसी दवा की दुकान है जहां पर बिना प्रिसक्रिप्शन (डॉक्टर की पुरजी) के ही लोगों को एबार्शन की गोली मिल जाती है.

Next Article

Exit mobile version