हेपेटाइटिस मरीज को डायलिसिस की सुविधा तक नहीं जेएलएनएमसीएच में

भागलपुर : स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अब जेएलएनएमसीएच को स्मार्ट बनाने की तैयारी में जुटे हुए हैं. लेकिन यहां हेपेटाइटिस मरीजों के लिए कई सुविधाएं नहीं हैं. कभी हेपेटाइटिस बी की मरीज का स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की महिला डॉक्टरों द्वारा आॅपरेशन व अल्ट्रासाउंड तक नहीं किया जाता है तो कभी मरीज को ओपीडी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 18, 2017 6:58 AM

भागलपुर : स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अब जेएलएनएमसीएच को स्मार्ट बनाने की तैयारी में जुटे हुए हैं. लेकिन यहां हेपेटाइटिस मरीजों के लिए कई सुविधाएं नहीं हैं. कभी हेपेटाइटिस बी की मरीज का स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की महिला डॉक्टरों द्वारा आॅपरेशन व अल्ट्रासाउंड तक नहीं किया जाता है तो कभी मरीज को ओपीडी से ही टरका दिया जाता है. मायागंज हॉस्पिटल के मेडिसिन विभाग में रखे चार डायलिसिस में से एक डायलिसिस मशीन को रिजर्व रखा गया है

जबकि दूसरे मशीन को एचआइवी मरीज के लिए रखा गया है. दो लगातार काम करता है. इन दोनों मशीनों के जरिये हर रोज एक से दो मरीजों का डायलिसिस किया जाता है. औसतन हर माह 30 से 40 मरीजों का डायलिसिस होता है. सामान्य मरीज का कम से कम तीन बार डायलिसिस होना चाहिए. एक मरीज ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उसका एक बार डायलिसिस हुआ. लेकिन जब वह दुबारा गया तो उसे कहा गया कि एक मरीज का सिर्फ एक ही बार डायलिसिस होता है.

नियमत: हेपेटाइटिस मरीज के लिए एक अलग से डायलिसिस मशीन होनी चाहिए. हेपेटाइटिस के मरीज का डायलिसिस अलग कमरे में होना चाहिए. उसी के लिए कमरा नहीं मिल पा रहा है. जैसे ही रूम की व्यवस्था हुई, हेपेटाइटिस मरीजों का भी डायलिसिस हाेने लगेगा.
डॉ आरसी मंडल, अधीक्षक

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