मनीष यादव हत्याकांड में सभी आरोपित बरी
द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश की कोर्ट में सुनवाई टीएनबी कॉलेज के समीप हुई थी मनीष यादव की हत्या भागलपुर : द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश जयप्रकाश की अदालत में मंगलवार को चंपानगर में मनीष यादव की हत्या में साक्ष्यों के विरोधाभास होने पर आठ आरोपित को रिहा कर दिया. कोर्ट ने टिप्पणी की कि घटना के […]
द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश की कोर्ट में सुनवाई
टीएनबी कॉलेज के समीप हुई थी मनीष यादव की हत्या
भागलपुर : द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश जयप्रकाश की अदालत में मंगलवार को चंपानगर में मनीष यादव की हत्या में साक्ष्यों के विरोधाभास होने पर आठ आरोपित को रिहा कर दिया. कोर्ट ने टिप्पणी की कि घटना के सूचक सुरेंद्र यादव व साक्ष्य सुनील यादव के बयान अलग-अलग हैं, जो संशय पैदा कर रहे हैं. सुरेंद्र यादव व सुनील यादव का आपराधिक इतिहास रहा है. सुनील यादव के भाई ने मृतक मनीष यादव की पत्नी का अपहरण करके शादी कर लिया गया. यह घटना को संदेहास्पद बना देता है. मामले में सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक मुक्ति प्रसाद व बचाव पक्ष से अनिल कुमार झा, गोपाल कुमार मिश्रा व शेखर कुमार सिंह ने पैरवी की.
यह है मामला. 16 जून 2012 को सुरेंद्र यादव अपने मौसेरे भाई सुनील यादव की मोटरसाइकिल पर टीएनबी लेन से होकर गुजर रहा था. उनके मोटरसाइकिल पर चाचा मनीष यादव भी बैठे थे. टीएनबी लेन के पास मोटरसाइकिल रूक गया तो आगे ऑटो पर सवार छत्रिय यादव, विजय यादव, गुलो यादव, विलास यादव, राजीव यादव, कुन्नी, संजीव कुमार यादव, मंगल यादव, निरंजन यादव, धनंजय यादव, बसर खान, कुंदन यादव आ गये. सभी हथियार से लैस थे.
विजय यादव ने पिस्टल से मनीष यादव पर फायर झोंक दिया. उसे गोली गले में लगी. विलास यादव की फायरिंग सुनील यादव पर हुई, जो उसे छूकर निकल गयी. घबराये हुए हालात में सुरेंद्र यादव ललमटिया की ओर भागा, जिसका आरोपित ने पीछा गया. वह सीधे थाना पर गया और थाना प्रभारी के साथ घटनास्थल पर पहुंचा. जहां गंभीर अवस्था में मनीष यादव को मायागंज के जेएलएनएमसीएच लाया गया, जहां उसकी मौत हो गयी. सुरेंद्र यादव की शिकायत पर आठ आरोपित छत्रिय यादव, विजय यादव, गुलो यादव, विलास यादव, राजीव यादव, कुन्नी, संजीव कुमार यादव, मंगल यादव, निरंजन यादव, धनंजय यादव, बसर खान, कुंदन यादव पर मामला दर्ज हो गया.
यह रहे विरोधाभास बयान
विजय ने सुनील यादव को गोली मारी, इसके बाद सुरेंद्र व मनीष यादव भागने लगे तो विजय यादव ने मनीष यादव को पकड़ लिया और उसे गोली मार दी. इस दौरान सुरेंद्र यादव भाग गया. इसका मतलब सुनील यादव ने मनीष यादव को गोली मारते हुए नहीं देखा. घटनास्थल पर भारी जाम था और इस दौरान सुरेंद्र यादव्र व सुनील यादव की आरोपित के साथ रोड़ेबाजी हुई. मगर इस रोड़ेबाजी में जाम में खड़े किसी को चोट नहीं लगी. इसमें अरुण पान की दुकान वाला व स्वतंत्र साक्ष्य की गवाही नहीं हुई. विजय यादव का मनीष यादव से रंगदारी मांगने के मामले में कोई सनहा भी ट्रायल के दौरान नहीं पेश किया गया.