चंपा पुल का 11 माह में भी आधार अधूरा
भागलपुर: पश्चिमी शहर में चंपा नाला पर पुल अर्धनिर्मित है. पुल बनाने की जिम्मेदारी पटना की दयाल हाइटेक कंस्ट्रक्शन कंपनी को मिली है. उन्हें जिम्मेदारी मिले 11 माह पूरा हो गया है मगर, अभी तक पुल बनना तो दूर, इसके पाये का आधार भी तैयार नहीं हो सका है. बरसात से पहले पुल बनने की […]
भागलपुर: पश्चिमी शहर में चंपा नाला पर पुल अर्धनिर्मित है. पुल बनाने की जिम्मेदारी पटना की दयाल हाइटेक कंस्ट्रक्शन कंपनी को मिली है. उन्हें जिम्मेदारी मिले 11 माह पूरा हो गया है मगर, अभी तक पुल बनना तो दूर, इसके पाये का आधार भी तैयार नहीं हो सका है. बरसात से पहले पुल बनने की कोई उम्मीद नहीं है. बरसात शुरू होने में अब एक से डेढ़ माह ही बचे हैं. दरअसल, 100 दिन चले ढाई कोस तर्ज पर पुल बन रहा है. ऐसा ही अगर रहा, तो बरसात के महीनों बाद भी पुल बनकर तैयार होने की उम्मीद नहीं की जा सकती है.
वर्क ऑर्डर जारी होने के छह माह बाद पुल का निर्माण शुरू हुआ. पुल निर्माण के नाम पर ठेकेदार ने पहले से अर्धनिर्मित झुके पाये को तोड़ने में तीन माह लगा दिये. इसके बाद पूरब से पाया संख्या-एक, दो और तीन के ठीक बगल में फाउंडेशन का काम शुरू कराया है, जो अभी तक पूरा नहीं हो सका है.
फाउंडेशन का काम पूरा कराने के लिए ठेकेदार ने बालू, छर्री, सीमेंट और छड़ आदि मंगा तो लिया है, मगर मैनपावर की कमी के चलते कार्य की प्रगति धीमी है. मजदूरों की संख्या बढ़ायी नहीं गयी, तो सभी पाया बरसात के बाद ही तैयार हो सकेगा. मालूम हो कि अर्धनिर्मित पुल के निर्माण पर लगभग 13.67 करोड़ रुपये खर्च होंगे. एनएच विभाग ने पुल निर्माण के लिए दो साल का समय निर्धारित किया गया है.
मंगलवार को पाया संख्या दो के फाउंडेशन के लिए छड़ का काम कराया जा रहा था. इसके लिए गिनती के महज तीन मजदूर लगाये गये थे. कोई छड़ बांध रहा था, तो दूसरा उसकी सहयोग करने में लगा था. डेढ़ माह बाद पुल निर्माण का कार्य पर लगेगा ब्रेक : एक बरसात तो बीत गया. दूसरा डेढ़ माह बाद से है. ठेकेदार को जिम्मेदारी मिलने के बाद पहली बरसात के चलते काम शुरू नहीं हुआ. काम जब शुरू हुआ, तो दूसरी बरसात में काम बंद हो जायेगा.