20 दिनाें से रुका है सेतु पर सड़क निर्माण विक्रमशिला सेतु
कार्य एजेंसी की लेटलतीफी, टूट न जाये कहीं बनी-बनायी सड़क भागलपुर : विक्रमशिला सेतु की नवनिर्मित सड़क के लिए मास्टिक एस्फॉल्ट का काम 20 दिन से रुका है. अगले सप्ताह तक में भी निर्माण शुरू होने की कोई गुंजाइश नहीं है. कार्य एजेंसी मुंबई की रोहरा रीबिल्ट एसोसिएट ने अबतक मास्टिक एस्फॉल्ट काम के लिए […]
कार्य एजेंसी की लेटलतीफी, टूट न जाये कहीं बनी-बनायी सड़क
भागलपुर : विक्रमशिला सेतु की नवनिर्मित सड़क के लिए मास्टिक एस्फॉल्ट का काम 20 दिन से रुका है. अगले सप्ताह तक में भी निर्माण शुरू होने की कोई गुंजाइश नहीं है. कार्य एजेंसी मुंबई की रोहरा रीबिल्ट एसोसिएट ने अबतक मास्टिक एस्फॉल्ट काम के लिए पूरा समान नहीं मंगाया है. मास्टिक एस्फॉल्ट की सड़क के लिए चूना और मेटल बेहद जरूरी है. ये दोनों समान के बिना सड़क निर्माण का कार्य शुरू होना संभव नहीं है. यह जानते हुए भी लेटलतीफी हो रही है.
समान अगर मंगा भी लिया जाता है, तो यह अलकतरा की जांच के पेच में फंसेगा. कोलकाता से मंगाया विशेष किस्म की अलकतरा की जांच के लिए सेंपल लेबोरेटरी भेजा तो है मगर, इसकी रिपोर्ट अबतक नहीं आयी है. यानी, मास्टिक एस्फॉल्ट की सड़क बनाने के लिए समान मंगाने से लेकर जांच रिपोर्ट आने तक शुरू नहीं हो सकेगा. मालूम हो कि 4.70 किलोमीटर लंबे विक्रमशिला पुल पर 40 एमएम मोटी सड़क निर्माण का काम 21 अप्रैल को ही पूरा हो गया है. सात अप्रैल से सड़क बनाने का काम शुरू हुआ था. एजेंसी को अब मास्टिक एस्फॉल्ट का काम यानी, विशेष किस्म की अलकतरा की परत चढ़ाने का काम शुरू करानी है. इधर, पुल पर आंशिक रिपेयरिंग का काम भी धीमी गति से हो रही है.
ऐसे बनती है मास्टिक एस्फॉल्ट की सड़क
विशेष किस्म की अलकतरा की सड़क को मास्टिक एस्फाल्ट कहते हैं. इसमें चूना और मेटल भी मिलाये जाते हैं. इसको 170 डिग्री तापमान पर खास तरह के बायलर में पिघलाया जाता है. इसके बाद इसे सड़क बनाने वाले मजदूर सड़क पर फैलाते हैं. लकड़ी के औजारों का सड़क बनाने में इस्तेमाल होता है. अलकतरा बिछाने के बाद उसमें पत्थर की गिट्टियां रोप दी जाती है.