मार्च में बंध्याकरण में आ जाती है तेजी
भागलपुर: स्वास्थ्य विभाग में भी कमाल की व्यवस्था बनी हुई है. सरकारी अस्पतालों के चिकित्सक 11 माह तक भले ही सुस्त रहें, पर वे मार्च में पूरी तरह सजग हो जाते हैं. हर साल बंध्याकरण का लक्ष्य राज्य सरकार द्वारा जिलों को दिया जाता है, पर यह लक्ष्य कभी भी पूरा नहीं हो पाता है. […]
भागलपुर: स्वास्थ्य विभाग में भी कमाल की व्यवस्था बनी हुई है. सरकारी अस्पतालों के चिकित्सक 11 माह तक भले ही सुस्त रहें, पर वे मार्च में पूरी तरह सजग हो जाते हैं. हर साल बंध्याकरण का लक्ष्य राज्य सरकार द्वारा जिलों को दिया जाता है, पर यह लक्ष्य कभी भी पूरा नहीं हो पाता है.
इतना ही नहीं जितने ऑपरेशन 11 माह में नहीं होते हैं, उससे कहीं ज्यादा फरवरी से मार्च तक में हो जाते हैं. इस बार भी अब तक मात्र 37 प्रतिशत ही लक्ष्य के अनुपात में बंध्याकरण किया गया है. राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन सहित अन्य तरह के कार्यक्रमों में सरकारी अस्पतालों के चिकित्सक व्यस्त रहते हैं.
इधर लोगों के बीच यह धारणा है कि जाड़े में ऑपरेशन कराने से घाव जल्दी सूखता है. इस लिहाज से भी महिलाएं इस महीने ऑपरेशन कराने के लिए तैयार हो जाती हैं. 2011-12 में 31686, 2012-13 में 16525 एवं 2013-14 में फरवरी तक 11669 बंध्याकरण किया गया है. जबकि बंध्याकरण का लक्ष्य 31123 है. ऐसे में पंद्रह दिनों में 11 माह से भी अधिक ऑपरेशन विभाग को करने हैं. इस दौरान सभी अस्पतालों में शिविर लगा कर भारी संख्या में ऑपरेशन किये जाते हैं.