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24 घंटे में ट्रांसफॉर्मर बदलने का है प्रावधान

कमिश्नर आवास की भी बिजली ठप, बढ़ी कर्मचारियों की परेशानीप्रभात खबर डिजिटल प्रीमियम स्टोरीSpies In Mauryan Dynasty : मौर्य काल से ही चल रही है ‘रेकी’ की परंपरा, आज हो तो देश में मच जाता है बवालRajiv Gauba : पटना के सरकारी स्कूल से राजीव गौबा ने की थी पढ़ाई अब बने नीति आयोग के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 23, 2017 4:45 AM

कमिश्नर आवास की भी बिजली ठप, बढ़ी कर्मचारियों की परेशानी

भागलपुर : 24 घंटे में जले ट्रांसफॉर्मर को बदलने का प्रावधान है मगर, इसका फ्रेंचाइजी कंपनी बीइडीसीपीएल शत प्रतिशत अनुपालन नहीं कर रही है. इसका ताजा उदाहरण कमिश्नर आवास सहित संयुक्त भवन व नगर निगम कार्यालय की बिजली को लेकर है. जिस दो ट्रांसफॉर्मर से बिजली मिलती है वह 16 मई को आंधी में जल गया है. फ्रेंचाइजी कंपनी ने छह दिन बाद भी इसको नहीं बदला है. दिलचस्प बात यह है कि कमिश्नर आवास के लिए अगर वैकल्पिक व्यवस्था पहले से नहीं रहती, तो उनकी भी बिजली अभी ठप रहती. दरअसल, कमिश्नर आवास को उसी ट्रांसफॉर्मर से बिजली मिलती है, जो वर्तमान में जला है.
ट्रांसफॉर्मर जलने पर वैकल्पिक व्यवस्था से दूसरे फीडर और ट्रांसफॉर्मर से बिजली की कमी दूर हो रही है. इधर, नगर निगम कार्यालय में बिजली की कमी जेनसेट से दूर हो रही है. एकरारनामा रद्द करने की सिफारिश के बाद से निर्देश की हो रही अवहेलना : प्रमंडलीय आयुक्त अजय कुमार चौधरी ने जब से ऊर्जा सचिव सह बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड से फ्रेंचाइजी कंपनी बीइडीसीपीएल के एकरारनामा को रद्द करने की सिफारिश की है, तभी से उनके निर्देशों की अवहेलना होती रही है.
कमिश्नर के निर्देश को फ्रेंचाइजी कंपनी गंभीरता से नहीं ले रही है. कमिश्नर से मायागंज विद्युत उपकेंद्र को मॉडल बनाने, हाइमास्ट लाइट का कनेक्शन चालू करने सहित कई निर्देश फ्रेंचाइजी कंपनी को मिली है मगर, उनकी ओर से इसका शत प्रतिशत अनुपालन नहीं हो रहा है. शहर में अभी भी हाइमास्ट लाइट बंद है. मायागंज विद्युत उपकेंद्र मॉडल रूप में विकसित नहीं हो सका है. उनके जले ट्रांसफॉर्मर भी छह दिन बाद नहीं बदला जा सका है.
ट्रांसफॉर्मर बदले गये हैं या नहीं, इसकी जानकारी नहीं है. इसका पता कराते हैं कि आखिर क्यों नहीं ट्रांसफॉर्मर बदला गया है. ऐसे भी कमिश्नर आवास को दूसरे फीडर और ट्रांसफॉर्मर से बिजली मिल रही है. उनको कोई दिक्कत नहीं है.
कुलदीप कौल, सीइओ, बीइडीसीपीएल
संयुक्त भवन : बिजली नहीं, मोबाइल की रोशनी में हो रहा काम, पानी को लेकर हाहाकार
ट्रांसफॉर्मर जलने के बाद से संयुक्त भवन की बिजली ठप है. पिछले छह दिन से दर्जन भर से ज्यादा विभागों के कर्मचारियों और अधिकारियों का समय कार्यालय से बाहर ही बीत रहा है. कंप्यूटर से होने वाले सारे कार्य ठप हैं. महत्वपूर्ण कार्य मोबाइल की रोशनी में निबटाने को विवश हैं. यहां सबसे बड़ी समस्या पानी को लेकर उत्पन्न हो गयी है. घर से लाये पानी से किसी तरह दोपहर तक कर्मचारी और अधिकारी का प्यास तो बुझ जाती है मगर, शौचालय के लिए पानी संकट हो गया है. इस बिल्डिंग में नगर निगम के योजना शाखा का भी दफ्तर है. प्रभारी आदित्य जायसवाल ने बताया कि छुट्टी वाले दिनों में तो घर पर राहत मिलती है मगर, इसके दूसरे दिन दफ्तर जाने के नाम पर हृदय कांप जाता है. नगर निगम कार्यालय की भी बिजली कटी है मगर, जेनसेट से बिजली की कमी दूर हो रही है.

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