लोस चुनाव में तीन गुटों में रहेंगे भाजपा कार्यकर्ता !

भागलपुर: लोकसभा चुनाव में एक बार फिर सांसद सैयद शाहनवाज हुसैन को कार्यकर्ताओं को एकजुट करने में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. चूंकि एक तो ऐसे ही पूर्व मंत्री अश्विनी चौबे के विरोध के कारण कार्यकर्ता दो गुटों में पूरे पांच साल तक बंटे रहे. ऊपर से श्री चौबे के साथ बड़ी संख्या […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 20, 2014 10:50 AM

भागलपुर: लोकसभा चुनाव में एक बार फिर सांसद सैयद शाहनवाज हुसैन को कार्यकर्ताओं को एकजुट करने में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. चूंकि एक तो ऐसे ही पूर्व मंत्री अश्विनी चौबे के विरोध के कारण कार्यकर्ता दो गुटों में पूरे पांच साल तक बंटे रहे.

ऊपर से श्री चौबे के साथ बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उनके साथ बक्सर में चुनावी कमान संभालने चले जायेंगे. कार्यकर्ता गोड्डा लोकसभा क्षेत्र में सांसद निशिकांत दुबे के चुनाव कार्य में भी जा सकते हैं.

2009 के लोकसभा चुनाव में भी कुछ ऐसा ही हुआ था. चौबे जी अपने कुनबे के साथ चुनाव के एक दिन पूर्व शहर में आये थे. हालांकि उन्होंने शाहनवाज के पक्ष में प्रचार नहीं किया था. इधर जिला महामंत्री विष्णु शर्मा सहित अन्य कार्यकर्ता गोड्डा में कमान संभाले हुए थे. महानगर अध्यक्ष विजय साह ने बताया कि हमलोग पहले अश्विनी चौबे के चुनावी क्षेत्र में जायेंगे.

वहां का चुनाव समाप्त होने के बाद ही भागलपुर में कैंप करेंगे. वहीं जिला महामंत्री विष्णु शर्मा का कहना है कि चूंकि बक्सर में पहले चुनाव होना है. इस वजह से वहां चुनाव करा लेंगे, इसके बाद भागलपुर आयेंगे. गोड्डा जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह तो 2009 में पहली बार चुनाव लड़ रहे थे, इसलिए गये थे. अब वहां मजबूत टीम बन गयी है. जहां तक बात है भागलपुर के चुनाव की तो यहां 24 अप्रैल को चुनाव है. बक्सर में 17 को मतदान होना है. ऐसे में ये कार्यकर्ता शाहनवाज के पक्ष में काम भी करेंगे तो मात्र पांच दिन कार्य कर सकते हैं. जानकारी के अनुसार जब से जिलाध्यक्ष नभय कुमार चौधरी ने सांसद श्री हुसैन के साथ कार्यक्रमों में शिरकत करना शुरू किये हैं, उनकी विधायक अश्विनी चौबे से दूरी बढ़ गयी है. इस लिहाज से यह भी बड़ा सवाल है कि वर्तमान कार्यकर्ता किनके साथ हैं. हाल के दिनों में नगर कार्यालय में श्री चौबे की बैठक से भी जिलाध्यक्ष गायब रहे थे. इतना ही नहीं उपाध्यक्ष सहित अन्य कार्यकर्ता भी खुलेआम जिलाध्यक्ष का विरोध कर रहे हैं.

Next Article

Exit mobile version