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गोपाष्टमी को लेकर दो दिनों तक दिखगा उत्सवी नजारा और सजेगी भक्ति कार्यक्रमों की महफिल

श्री गोशाला कमेटी की ओर से गोशाला परिसर में दो दिवसीय गोपाष्टमी मेला का आयोजन किया जायेगा. मेला शनिवार व रविवार को लगेगा. दोनों दिन अलग-अलग कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा. इसे लेकर सारी तैयारी पूरी कर ली गयी है. आयोजन के लिए 20,000 फीट का पंडाल सजाने का काम बंगाल के कलाकार कर रहें हैं, जो अंतिम चरण में है. यहां 3000 से अधिक लोगों के बैठने की व्यवस्था की गयी है. कमेटी के पदाधिकारियों ने तैयारी की समीक्षा की.

श्री गोशाला कमेटी की ओर से गोशाला परिसर में दो दिवसीय गोपाष्टमी मेला का आयोजन किया जायेगा. मेला शनिवार व रविवार को लगेगा. दोनों दिन अलग-अलग कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा. इसे लेकर सारी तैयारी पूरी कर ली गयी है. आयोजन के लिए 20,000 फीट का पंडाल सजाने का काम बंगाल के कलाकार कर रहें हैं, जो अंतिम चरण में है. यहां 3000 से अधिक लोगों के बैठने की व्यवस्था की गयी है. कमेटी के पदाधिकारियों ने तैयारी की समीक्षा की.

दिल्ली के रॉक बैंड की होगी प्रस्तुति, वृंदावन का ग्रुप करेगा रासलीला का आयोजन

मंत्री सुनील जैन ने बताया कि शनिवार को दिल्ली की मशहूर सनातन संकीर्तन रॉक बैंड टीम रॉक संगीत पर आधारित अपनी प्रस्तुति देगी. महामंत्री गिरधारी केजरीवाल ने बताया कि 10 नवंबर रविवार को वाराणसी के पंडित गंगा महाआरती का आयोजन करेंगे. संध्या छह बजे वृंदावन के श्रीकृष्ण रासलीला आदित्य राज बृजवासी ग्रुप रासलीला का आयोजन करेंगे.

उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा करेंगे उद्घाटन

दाे दिवसीय गोपाष्टमी मेला का उद्घाटन नौ नवंबर को शाम पांच बजे प्रदेश के उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा करेंगे. इस दौरान गौ संवर्धन संगोष्ठी होगी. इससे पहले प्रात: सात बजे गौ पूजन, नौ बजे हवन, 11 बजे चित्रकला व फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता दोपहर एक बजे होगी. रविवार को दोपहर दो बजे भक्ति नृत्य कार्यक्रम व मारवाड़ी व्यायामशाला के बच्चों द्वारा कला प्रदर्शन होगा. महोत्सव को लेकर राजेश बंका, सुनील बुधीया, किशन झुनझुनवाला, प्रदीप सिवानीवाला, संजय गंगवाल आदि लगे हैं.

सजने लगा शिला-लौढ़ी, जाता आदि की दुकानें

गोशाला मार्ग में पिछले 100 साल से हो रहे गोपाष्टमी मेला के आकर्षण का केंद्र शिला-लौढ़ी आदि की दुकानें सजने लगी है. गोड्डा से आये वीरेंद्र दरबन ने बताया कि उनकी तीन पीढ़ी के लोग यहां दुकानें सजा चुके हैं. वे खुद पिछले 40 साल से दुकानें सजा रहे हैं. गेहुमा, तेलिया पत्थर से तैयार शिला-लौढ़ी, जाता बेचते हैं. 15 से 20 दिनों तक दुकान सजाकर रखते हैं. यहां पांच दुकानदार इन सामान की दुकान सजाते हैं. उनके लिए पत्थर के सामान को लाने और वापस ले जाना चुनौती होती है. राजस्थान के दुर्लभ पत्थर का सामान भी लाये हैं.

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