तीन माह पहले नाला निर्माण के लिए खोदा गड्ढा, रोज गिर रहे स्थानीय लोग और हो रहे घायल
वार्ड-10 अंतर्गत टीएनबी कॉलेज के पीछे प्रोफेसर कॉलोनी पटेलनगर में इन दिनों नाला निर्माण को लेकर गड्ढा खोदकर छोड़ दिया गया है.
वार्ड-10 अंतर्गत टीएनबी कॉलेज के पीछे प्रोफेसर कॉलोनी पटेलनगर में इन दिनों नाला निर्माण को लेकर गड्ढा खोदकर छोड़ दिया गया है. इससे 200 से अधिक परिवारों को अपने घर जाने में दिक्कत हो रही है, तो कई लोग गिरकर घायल हाे गये हैं. इतना ही नहीं गड्ढा खोदे तीन माह से अधिक हो गये हैं और अब बारिश का मौसम आने पर लोगों में भय बढ़ गया कि अब काम अधूरा ही रह जायेगा और गड्ढे में पानी भरकर मच्छर और जहरीले जीवों का प्रकोप बढ़ जायेगा. स्थानीय लोगों की मानें तो जिलाधिकारी डॉ नवल किशोर चौधरी को यहां की समस्याओं से वे लोग अवगत करा चुके हैं. अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई. सामाजिक कार्यकर्ता आदित्य कुमार ने प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था.
बड़ी संख्या में लॉज में रहते हैं स्टूडेंट्सपटेलनगर के आसपास कॉलेज व विश्वविद्यालय होने के कारण बड़ी संख्या में यहां लॉज हैं. इस लॉज में छात्र-छात्राएं रहते हैं. ऐसे में इसी होकर उन्हें गुजरना पड़ता है. इसके अलावा मोहल्ले में 5000 की आबादी रहती है. हालांकि, इस गड्ढे को खोदने से 200 परिवार को सीधे परेशानी हो रही है.
लगातार बारिश होने के बाद गड्ढे में पानी भर गया है. अब नाला का निर्माण कराना मुश्किल हो जायेगा. पानी भरने से मच्छर का प्रकोप बढ़ना तय है. पिछले साल इस क्षेत्र में डेंगू का प्रकोप फैला था. इस बार भी चिकन पॉक्स फैला था.
कहते हैं लोगपटेल नगर से साहेबगंज की ओर जाने वाले मुख्य मार्ग में घर के सामने नगर निगम की ओर से गड्ढा खोदकर छोड़ दिया गया है. इससे सैकड़ों लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. खुद जिलाधिकारी से मिलकर शिकायत कर चुके हैं.
आदित्य कुमार————–
स्मार्ट सिटी सिर्फ नाम का है. यहां पेयजल की सुविधा नहीं है और ना ही सफाई व नाला-नाली निर्माण समय पर हो रहा है. उल्टे लोगों को नारकीय जीवन जीने को विवश होना पड़ रहा है. गड्ढे में मवेशी भी गिर रहे हैं.डॉ स्वर्गेश कुमार
————–इस मार्ग से गुजरने वाले लोगाें को हमेशा अप्रिय घटना होने का भय बना रहता है. बच्चों को खेलने-कूदने में भी डर लगता है. हमेशा गिरने का भय बना रहता है.
राजीव कुमार————
इस क्षेत्र में सभी वर्ग के लोग रहते हैं. खासकर विद्यार्थियों की संख्या अधिक है. पास ही पीजी हॉस्टल है. इस होकर पढ़ने के लिए कई छात्र-छात्राएं जाते हैं. उन्हें भी गिरने का डर बना रहता है. वे खुद गिर गये थे और उनका सिर फट गया था.धर्मेंद्र नारायण सिंह
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