जिला परिषद द्वारा आवंटित दुकानों का किराया पिछले एक दशक से जिला परिषद को नहीं मिल रहा है. एक तरह से दुकानदारों ने इन दुकानों पर कब्जा जमा लिया है. इस पर जिला परिषद प्रशासन ने सख्त कदम उठाया है. डीडीसी ने बिहपुर के 64 दुकानदारों को नोटिस जारी की है. साथ ही भागलपुर सदर, कहलगांव, नवगछिया, सन्हौला, शाहकुंड आदि प्रखंडों में अवस्थित दुकानों का किराया नहीं देने वाले दुकानदारों व दखलकारों के लिए नोटिस तैयार की जा रही है, जो जल्द ही भेजी जायेगी. उप विकास आयुक्त सह जिप के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी के निर्देश पर जिला परिषद की सभी परिसंपत्तियों की सूचि बनायी गयी है, जो पिछले 10 वर्षों से जिला परिषद की संपत्ति पर बिना उचित किराया दिए हुए कब्जा करके बैठे हुए हैं. उनके द्वारा निर्देशित किया गया है कि विभागीय निदेश पर सभी बकायेदार ससमय राशि जमा करें. ससमय राशि जमा नहीं किये जाने पर बकायेदारों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई करते हुए दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति करते हुए दुकान खाली करायी जायेगी. साथ ही नीलाम पत्र वाद दायर कर राशि की वसूली की जायेगी. पूर्व से जिला परिषद के कई दुकान आवंटित हैं, जिससे जिला परिषद को किराया आना था. लेकिन लंबे समय से किराया नहीं दिया जा रहा है. साथ ही एक तरह से जिला परिषद की परिसंपत्तियों पर कब्जा जमा लिया गया है. कई दुकानों का जिला परिषद के साथ एकरारनामा किया गया था. एकरारनामा समाप्ति के बाद भी ऐसे कई दुकानदार हैं, जो आज भी अपना दुकान चला रहे हैं और काफी समय से किराया लंबित रखे हुए हैं. ऐसे कुल लगभग 250 दुकानों व स्थापनाओं को चिह्नित किया गया है, जो जिला परिषद की जमीन पर दखल देकर बैठे हुए हैं. जिला परिषद की परिसंपत्तियां, भागलपुर सदर, बिहपुर, नवगछिया, पीरपैंती, कहलगांव आदि प्रखंडों तक फैली हुई हैं. लेकिन अपेक्षित किराया अभी तक नहीं आ रहा था, जिससे की आंतरिक स्त्रोत में वृद्धि हो.
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