आज शाम तक चक्रवात अंफन के पूर्व बिहार में सक्रिय होने के आसार, उमस दे रहा तूफान को आमंत्रण

साल 2020 का पहला चक्रवाती तूफान अंफन रविवार को अस्तित्व में आ सकता है. बंगाल की खाड़ी पर उठ रहा चक्रवाती तूफान अंफन किस राह जाएगा यह अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है. वेदर मॉडल इसके दो ट्रैक दिखा रहे हैं. एक ट्रैक पश्चिम बंगाल और इससे सटे बांग्लादेश की ओर दिखाया जा रहा है, जबकि दूसरा ट्रैक म्यांमार की ओर इसके जाने की ओर इशारा कर रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 17, 2020 3:30 AM

भागलपुर : साल 2020 का पहला चक्रवाती तूफान अंफन रविवार को अस्तित्व में आ सकता है. बंगाल की खाड़ी पर उठ रहा चक्रवाती तूफान अंफन किस राह जाएगा यह अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है. वेदर मॉडल इसके दो ट्रैक दिखा रहे हैं. एक ट्रैक पश्चिम बंगाल और इससे सटे बांग्लादेश की ओर दिखाया जा रहा है, जबकि दूसरा ट्रैक म्यांमार की ओर इसके जाने की ओर इशारा कर रहा है. लेकिन यह तय हो चुका है कि बंगाल की खाड़ी में सीज़न का पहला चक्रवाती तूफान अगले 12 घंटों में विकसित हो जाएगा. और यह दो संभावित ट्रैक में से किसी भी तरफ जाए, लेकिन भारत के कुछ हिस्सों का प्रभावित होना भी लगभग निश्चित है.

स्काइमेट वेदर के अनुसार अगर यह चक्रवाती तूफान पश्चिम बंगाल और ओड़िशा पर लैंडफॉल करता है, तो भागलपुर समेत पूर्व बिहार व कोसी सीमांचल, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश तक इसका असर देखने को मिल सकता है. अगर यह सिस्टम म्यांमार या बांग्लादेश जाता है तो पूर्वोत्तर में मणिपुर, मिज़ोरम, त्रिपुरा और नागालैंड तथा पश्चिम बंगाल के तटीय हिस्सों पर भीषण बारिश देगा. साथ ही अगर सिर्फ ओड़िशा पर यह लैंडफॉल करता है, तो महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश तक बारिश हो सकती है. बंगाल की खाड़ी पर बना गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र जल्द ही और प्रभावी हो सकता है.

इस समय सैटेलाइट से ली गई तस्वीरों में जिस तरह से बादल दिखाई दे रहे हैं, उससे अनुमान लगाया जा रहा है कि यह सिस्टम अब डिप्रेशन बन चुका है. यह 16 मई की शाम तक विशाखापट्टनम से 900 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित था. बता दें कि भागलपुर समेत पूर्व बिहार में शनिवार को उमस बढ़ने के कारण कम दबाव का क्षेत्र बन गया है. यह कम दबाव चक्रवात को आमंत्रित कर रहा. झारखंड को अलर्ट मोड पर रखा गयाअगर यह तूफान आंध्र प्रदेश या ओड़िशा के रास्ते भारत में लैंडफॉल करता है तो भारत के अंदरूनी राज्यों यानि झारखंड, तेलंगाना, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों को भी अलर्ट रहना होगा. जब कोई भी समुद्री तूफान जमीनी भागों पर पहुंचता है, तो यह कई हज़ार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर अपना प्रभाव दिखाता है.

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