जिले में मंगलवार की देर शाम हुई बारिश आम, लीची, सब्जियों, मक्का व मूंग की फसल के लिए संजीवनी साबित हुई. इतना ही नहीं खरीफ मौसम में खेती के लिए भी किसानों को सहूलियत होगी. किसानों की मानें तो बारिश के कारण खेतों में नमी आ गयी. इससे खरीफ मौसम की खेती के लिए जुताई में सहूलियत होगी. आम से लेकर अन्य पेड़-पौधे पानी की कमी से सूखने लगे थे. बारिश के कारण कई झूलसे पेड़-पौधे खिल उठे. अब हरियाली दिखेगी, जबकि अभी पतझड़ का मौसम भी नहीं है. गोराडीह के किसान राजू शर्मा ने बताया कि उन्होंने दो बीघा खेत में मूंग लगाया है. सिंचाई की कमी के कारण बार-बार पानी उपलब्ध कराना मुश्किल था. बारिश होने से पहले मौसम ठंडा हाे गया और प्राकृतिक सिंचाई का भी लाभ मिला.
कहलगांव के आम उत्पादन करने वाले किसान कृष्णानंद सिंह ने बताया कि अब बारिश की जरूरत थी. इस बारिश के कारण फल का आकार भी बढ़ेगा और मिठास भी. वहीं, नवगछिया क्षेत्र अंतर्गत पकरा के लीची उत्पादक किसान सौरभ सिंह ने बताया कि तेज धूप के कारण लीची का आकार छोटा था. अब लीची का साइज बढ़ेगा और मिठास भी. जबकि इससे पहले असमय बारिश से मंजर काला पड़ गया था. सौरभ सिंह ने बताया कि बारिश से पेड़ों की धुलाई हो जाती है. कई तरह के कीड़े पानी से बह जाते हैं, पत्तों पर जमा धूल साफ हो जाता है. इससे पेड़-पौधे अच्छी तरह से श्वसन कर सकते हैं. इसका असर फल पर भी पड़ता है और फल भी तेजी से बढ़ेगा. सब्जी उत्पादक किसान नाथनगर कजरैली के गूंजेश गुंजन ने बताया कि अभी की बारिश सभी तरह की हरी सब्जियों के लिए फायदेमंद है. इस बारिश से खेत में बराबर सिंचाई हुई.
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