13 साल पूर्व पीरपैंती थाना क्षेत्र के तड़वा गांव स्थित दुलदुलिया मस्जिद के पास हुई थी घटना सांप का खेल दिखाने के दौरान सर्पदंश से एक किशारे की मौत होने के मामले में कोर्ट ने संपेरे को 10 साल कारावास की सजा सुनायी. एक दिन पूर्व ही दोषी करार दिये जाने के बाद मंगलवार को एडीजे 14 विवेक कुमार की अदालत में सजा के बिंदु पर सुनवाई हुई. इसमें बांका जिला के बाराहाट स्थित मराहना के रहने वाले मो शमशूल को 10 साल कारावास की सजा सुनायी गयी. गैर इरादतन हत्या के आरोप के आरोप में मो शमशूल को 10 साल कारावास के साथ 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माना की राशि नहीं देने पर एक साल अतिरिक्त कारावास भुगतने की सजा सुनायी गयी है. साथ ही मृतक के पिता को मुआवजा देने को लेकर भी निर्देशित किया गया है. मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक अकबर अहमद खान ने बहस में हिस्सा लिया. क्या था मामला : पीरपैंती थाना क्षेत्र के तड़वा गांव के दुलदुलिया मस्जिद के समीप विगत 24 अगस्त 2011 को एक संपेरा सांप का खेल दिखा रहा था. शशिकांत कुमार का छोटा भाई 15 वर्षीय दिवाकर भी वहां गया हुआ था. संपेरे मो शमशूल ने दिवाकर को आगे बुलाया और उसके गले में सांप को लपेट दिया. इसी क्रम में सांप ने उनके भाई को डंस लिया. वे लोग दिवाकर को लेकर पहले विषहरी स्थान ले गये. जहां भगत ने झाड़ फूंक किया पर कोई असर नहीं हुआ. इसके बाद उसे अस्पताल ले जा रहे थे, लेकिन किसी और भगत के पास झाड़ फूंक कराने के लिए लेकर गये थे. पर वहां भी वह ठीक नहीं हुआ. दिवाकर की मृत्यु हो गयी थी.
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