25 साल पूर्व चिकित्सक के विरुद्ध दर्ज गैर इरादतन हत्या मामले में डॉ नूरजहां बरी
25 साल पूर्व चिकित्सक के विरुद्ध दर्ज गैर इरादतन हत्या मामले में डॉ नूरजहां बरी
तातारपुर थाना क्षेत्र की तत्कालीन चर्चित गाइनेकोलॉजिस्ट डॉ नूरजहां के विरुद्ध एक सितंबर 1996 को दर्ज गैर इरादतन हत्या मामले में 25 साल बाद कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया है. अभियोजन पक्ष इस बात को सिद्ध करने में नाकाम रहा कि उक्त घटना में चिकित्सक की लापरवाही हुई है. बता दें कि मामले में भारतीय सेना में प्रतिनियुक्त तत्कालीन सैनिक मो सुदीन ने पत्नी रेशमा की मौत के बाद तातारपुर थाना में केस दर्ज कराया था. मामले में की गयी जांच में चिकित्सक के विरुद्ध लगाये गये गैर इरादतन हत्या के आरोप को सही पाया गया था. जिसके बाद तातारपुर पुलिस के तत्कालीन पदाधिकारी की ओर से विगत 25 सितंबर 1997 को डॉ नूरजहां के विरुद्ध चार्जशीट फाइल कर दी थी. मामले में कोर्ट में 25 सालों तक चली सुनवाई के बाद एडीजे 11 की अदालत ने साक्ष्य के अभाव में डॉ नूरजहां को दोषमुक्त करार देकर बरी कर दिया.
गर्भपात कराने के दौरान हुई थी रेशमा की मौत
मामले में मो सुदीन द्वारा दर्ज प्राथमिकी में उल्लेख किया गया था कि 14 जून 1996 को उनकी पत्नी रेशमा गर्भपात कराने के लिए डॉ नूरजहां के पास गयी थी. जहां चिकित्सक ने उसे गोली दी और दर्द होने पर दोबारा उनके पास आने को कहा. गोली लेने के बाद उनकी पत्नी को दोबारा दर्द हुआ और 17 जून को दोबारा रेशमा अपनी मां के साथ डॉक्टर के पास गयी. जहां डॉक्टर ने फिर से उसे दवा देकर परेशानी होने पर उनके पास आने को कहा. 18 जून को तड़के सुबह रेशमा की तबीयत ज्यादा बिगड़ गयी और वह फिर से अपनी मां के साथ डॉक्टर के पास गयी. डॉक्टर ने उन्हें नहीं देखा. इसके बाद वे लोग उसे लेकर किसी तरह एक अन्य महिला डॉक्टर के पास गये. जहां इलाज के दौरान उनकी पत्नी की मौत हो गयी थी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है