नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म मामले में दोषी को 10 साल कठोर कारावास की सजा
नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म मामले में दोषी को 10 साल कठोर कारावास की सजा
प्रवचन सुनाने के बहाने पर नाबालिग काे साथ में ले जाकर अपहरण और दुष्कर्म करने के मामले में एडीजे 7 सह पाॅक्साे एक्ट के विशेष न्यायाधीश प्रणव कुमार भारती की काेर्ट ने अभियुक्त गुणसागर दास काे साेमवार काे सजा सुनायी. काेर्ट ने सबाैर गाेराडीह से जुड़े इस मामले में गुणसागर दास काे भादवि की धारा 366 ए में पांच साल और चार पाॅक्साे एक्ट में 10 साल कठोर कारावास की सजा सुनायी. दाेनाें धाराओं में उस पर 10-10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया. जुर्माने की राशि नहीं देने पर उसे छह माह की अतिरिक्त सजा काटनी हाेगी. घटना 19 फरवरी 2014 काे दर्ज हुई थी. सुनवाई 2019 में पाॅक्साे के तहत शुरू हुई थी. काेर्ट ने गुणसागर काे 16 नवंबर काे दाेषी करार दिया था. मामले में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से की ओर से पाॅक्साे एक्ट के विशेष लाेक अभियाेजक जयकरण गुप्ता और नरेश प्रसाद राम ने बहस में हिस्सा लिया. क्या था मामला : पीड़िता के पिता की ओर से मामले में दर्ज कराये गये केस में इस बात का उल्लेख किया गया था कि 19 फरवरी 2014 काे उनकी बेटी काे गुणसागर दास प्रवचन सुनाने के बहाने अंगारी लेकर चला गया था. प्रवचन खत्म होने के बाद सभी श्रोता गांव लौटने लगे. पर उनकी बेटी का कुछ पता नहीं चला. गुणसागर की खोजबीन की गयी तो वह भी घर से गायब था. ग्रामीणों से पूछताछ करने पर जानकारी मिली कि गुणसागर को एक लड़की के साथ सिकंदरपुर में देखा गया था. इसके बाद उन्होंने गुणसागर के विरुद्ध केस दर्ज कराया. मामले में पुलिस ने जांच कर कार्रवाई करते हुए गुणसागर को गिरफ्तार कर अपहृता को बरामद कर लिया. बरामदगी के बाद पीड़िता ने जानकारी दी थी कि गुणसागर ने उसका अपहरण किया था. उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था.
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