स्पीडी ट्रायल के 383 मामले लंबित, भागलपुर डीएम ने कहा चिंताजनक
समीक्षा भवन में गुरुवार को स्पीडी ट्रायल को लेकर बैठक हुई. जिलाधिकारी डॉ नवल किशोर चौधरी ने कहा कि स्पीडी ट्रायल में सजा दिलाने की संख्या बहुत कम है. घृणित अपराध में सजा शून्य है. अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति के मामलों में भी सजा दिलाने की संख्या शून्य है. उन्होंने कहा कि लगभग 383 मामले स्पीडी ट्रायल में लंबित हैं.
समीक्षा भवन में गुरुवार को स्पीडी ट्रायल को लेकर बैठक हुई. जिलाधिकारी डॉ नवल किशोर चौधरी ने कहा कि स्पीडी ट्रायल में सजा दिलाने की संख्या बहुत कम है. घृणित अपराध में सजा शून्य है. अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति के मामलों में भी सजा दिलाने की संख्या शून्य है. उन्होंने कहा कि लगभग 383 मामले स्पीडी ट्रायल में लंबित हैं. स्पीडी ट्रायल में 60 से 90 दिनों में अभियुक्त को सजा दिलानी है. लंबित मामलों की संख्या चिंताजनक है.
लोक अभियोजक को निष्पादन में तेजी लाने का निर्देश
उन्होंने पीपी व जीपी को एपीओवार लंबित मामलों की सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया, ताकि संबंधित एपीओ के विरुद्ध एक्शन लिया जा सके. सामान्य मामले में बताया गया कि 78,605 मामले लंबित हैं. 6,257 मामले पुलिस पेपर उपलब्ध नहीं रहने के कारण लंबित हैं. जिलाधिकारी ने इसे चिंताजनक बताया.सजा की रफ्तार अधिक, तो अपराध घटेगा
डीएम ने घृणित अपराध, मद्य निषेध, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के मामले की समीक्षा की. संबंधित लोक अभियोजक को मामले के निष्पादन में तेजी लाने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि सजा की रफ्तार अधिक होगी, तो अपराध घटेगा. सजा की रफ्तार कम होगी, तो अपराध बढ़ेगा. बताया गया कि जिले में 42 लोक अभियोजक कार्यरत हैं. इस मौके पर एसएसपी आनंद कुमार, संबंधित लोक अभियोजक सभी एसडीओ व सभी थानाध्यक्ष उपस्थित थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है