कदवा दियारा के बाद अब गरुड़ों ने नवटोलिया में बनाया आशियाना
कदवा दियारा के बाद अब गरुड़ों ने नवटोलिया में बनाया आशियाना
कदवा (नवगछिया) नवगछिया के कदवा दियारा के बाद गरुड़ अब नया आशियाना ढोलबज्जा से सटे गांवों में बना रहे हैं. यहां गरुड़ों के 22 घोंसले मिले हैं. पूर्णिया जिला रुपौली प्रखंड के नाथपुर पंचायत के नवटोलिया गांव में पीपल के दो पेड़ पर गरुड़ के 22 घोंसले मिलने के बाद भागलपुर वन प्रमंडल और मंदार नेचर क्लब के संयुक्त तत्वावधान में गरुड़ जागरूकता अभियान चला ग्रामीणों को गरुड़ संरक्षण के प्रति जागरूक किया. गरुड़ विजेता पुरस्कार 2024 से पंचायत के मुखिया विजय कुमार मंडल और सरपंच राजेंद्र प्रसाद सिंह को गरुड़ का प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया गया. मंदार नेचर क्लब भागलपुर के संस्थापक अरविंद मिश्रा ने कहा कि भागलपुर जिले के कोसी कदवा दियारा के बाद अब दूसरे स्थानों पर भी गरुड़ को धीरे-धीरे वहां की आबोहवा पसंद आ रहा है. कोसी नदी के किनारे बसे गांव नवटोलिया को अब अपना नया ठिकाना बनाया है. युवाओं को संगठित कर गरुड़ सेवियर्स, अनुभवी बुजुर्गों के लिए गरुड़ गार्जियन और महिलाओं की भागीदारी के लिए गरुड़ सेविका जैसे समूह सक्रिय हैं. कहलगांव शारदा पाठशाला के प्राचार्य प्रो जयनंदन मंडल ने बताया कि कदवा दियारा के बाद अब नवटोलिया गांव में भी भोजन की पर्याप्त उपलब्धता व मौसम अनुकूल होने से यहां गरुड़ों की संख्या बढ़ रही है. कंबोडिया व भारत के असम राज्य में गरुड़ की संख्या घट रही है. समाजसेवी सह गरुड़ सेवियर्स प्रशांत कुमार कन्हैया ने कहा कि गंगा और कोसी नदी के गर्भ में अवस्थित नवटोलिया गांव में लगातार गरुड़ के घोसले मिलना शुभ संकेत है. इस गांव को वैश्विक स्तर पर विशेष पहचान मिलेगी. नाथपुर पंचायत के मुखिया विजय कुमार ने कहा कि हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि हमारे पंचायत में गरुड़ का आशियाना है. संरक्षण के लिए हम लोगों को जागरूक करेंगे. सरपंच डॉ राजेंद्र प्रसाद सिंह ने खुशी जतायी. मौके पर वनरक्षी अनुराधा कुमारी, कल्पना कुमारी, अजीत कुमार, राजीव कुमार, प्रिंस कुमार, दीपक कुमार, गौरव कुमार, वतन कुमार के साथ ग्रामीण सुनील कुमार सिंह, प्रणव कुमार, नारद कुमार, पंकज कुमार, पुलिस मुनि सहित सैकड़ों लोग शामिल थे.