जलस्तर घटने के बाद कुप्पाघाट के पश्चिमी द्वार के क्षतिग्रस्त हिस्से की हो रही अनदेखी
बाढ़ के दौरान आध्यात्मिक केंद्र महर्षि मेंहीं आश्रम कुप्पाघाट के पश्चिमी द्वार वाले पुल का संपर्क पथ क्षतिग्रस्त हो गया था. विभाग की ओर से दूसरे दिन आकर खानापूर्ति के रूप में पॉलीथिन सीट लगायी थी.
बाढ़ के दौरान आध्यात्मिक केंद्र महर्षि मेंहीं आश्रम कुप्पाघाट के पश्चिमी द्वार वाले पुल का संपर्क पथ क्षतिग्रस्त हो गया था. विभाग की ओर से दूसरे दिन आकर खानापूर्ति के रूप में पॉलीथिन सीट लगायी थी. अब गंगा का जलस्तर घट गया है, तो विभाग की ओर अनदेखी की गयी. इतना ही नहीं अब तक झांकने तक नहीं पहुंचे.
अखिल भारतीय संतमत सत्संग महासभा के महामंत्री दिव्य प्रकाश एवं रमेश बाबा ने कहा कि जब क्षतिग्रस्त हुआ था, तो जल संसाधन विभाग एवं खनन विभाग के पदाधिकारी पहुंचे थे. थोड़ा बहुत व्यवस्था करके पानी घटने पर बेहतर व्यवस्था करने का आश्वासन देकर लौट गये थे.
मालूम हो कि इस पुल को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2007 में कुप्पाघाट आश्रम आगमन के बाद बनवाया था.उन्होंने बताया कि गंगा में जलस्तर बढ़ने से कुप्पाघाट आश्रम के पूर्वी व पश्चिमी छोर पर कटाव होता रहा है. इससे पहले आश्रम के गंगा किनारे के क्षेत्र में कटाव रोकने के लिए अधूरा निर्माण कार्य हुआ है. मंत्री मनु भास्कर ने बताया कि पूर्व उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद 2022 में आश्रम दर्शन के लिए आये थे और गंगा कटाव से आश्रम को सुरक्षित करने का आश्वासन दिया था. .
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है