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बेटों की प्रताड़ना से तंग बुजुर्ग ने की आत्महत्या, एसएसपी व डीआइजी से लगा चुके थे मदद की गुहार

भागलपुर के तातारपुर थाना क्षेत्र के सराय स्थित विवेकानंद कॉलोनी के रिटायर्ड बिजली कर्मी अशोक कुमार शर्मा (66) ने बेटों की प्रताड़ना से आजिज आकर जहर खाकर सोमवार को खुदकुशी कर ली. सोमवार देर रात सिटी डीएसपी की उपस्थिति में मृतक की दूसरी पत्नी बेबी देवी के बयान पर दोनों सौतेले बेटे, छोटे सौंतेले बेटे के ससुर और साढ़ू के विरुद्ध आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज कराया.

भागलपुर के तातारपुर थाना क्षेत्र के सराय स्थित विवेकानंद कॉलोनी के रिटायर्ड बिजली कर्मी अशोक कुमार शर्मा (66) ने बेटों की प्रताड़ना से आजिज आकर जहर खाकर सोमवार को खुदकुशी कर ली. सोमवार देर रात सिटी डीएसपी की उपस्थिति में मृतक की दूसरी पत्नी बेबी देवी के बयान पर दोनों सौतेले बेटे, छोटे सौंतेले बेटे के ससुर और साढ़ू के विरुद्ध आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज कराया. सिटी डीएसपी के निर्देश पर तातारपुर पुलिस ने फौरन घर से छोटे सौतेले बेटे राकेश रंजन उर्फ मोनू, उसके ससुर उपेंद्र कुमार और साढ़ू विजय कुमार को गिरफ्तार कर लिया. तीनों को तातारपुर थाने में रख कर पूछताछ की जा रही है. इस बात की पुष्टि सिटी डीएसपी राजवंश सिंह ने की.

पहली पत्नी के बच्चों से थे परेशान 

जानकारी के अनुसार तातारपुर थाना क्षेत्र के सराय स्थित विवेकानंद कॉलोनी में रहने वाले 66 वर्षीय रिटायर्ड बिजली कर्मी अशोक कुमार शर्मा ने अपनी पहली पत्नी के बेटों की प्रताड़ना से तंग आकर जहर खाकर खुदकुशी कर ली. इधर उनकी दूसरी पत्नी बेबी देवी ने दोनों सौतेले बेटों और उनके ससुराल वालों के विरुद्ध संपत्ति विवाद को लेकर प्रताड़ित करने और आत्महत्या के लिये उकसाने का आरोप लगाते हुए अपना बयान दर्ज करवाया है.

अस्पताल ले जाने के क्रम में हुई मौत 

जहर खाने के बाद सोमवार सुबह करीब 10 अशोक शर्मा को उनकी पत्नी टोटो पर लेकर मायागंज अस्पताल चली गयी. जहां इलाज के क्रम में सोमवार दोपहर उनकी मौत हो गयी. इधर घटना की सूचना पाकर मृतक की पत्नी का बयान दर्ज करने तातारपुर पुलिस मायागंज अस्पताल पहुंच गयी. मायागंज अस्पताल में मौजूद मृतक की पत्नी बेबी देवी ने प्रेसकर्मियों के सामने तातारपुर थाना की पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाये हैं. घटना की गंभीरता को देखते हुए सिटी डीएसपी राजवंश सिंह खुद तातारपुर थाना पहुंचे. मृतक अशोक कुमार शर्मा की पत्नी बेबी देवी ने बताया कि उनके दो सौतेले बेटे हैं. बड़ा बेटा धनंजय कुमार उर्फ सोनू अपने पिता के पैतृक आवास शाहकुंड स्थित हरपुर में रहता है. छोटा बेटा राकेश रंजन उर्फ मोनू अपनी नौकरी छोड़कर पिछले कुछ महीनों से अपनी पत्नी को लेकर सराय स्थित उनके आवास पर आकर रहने लगा. एक डेढ़ महीने से दोनों बेटे मिलकर सारी संपत्ति उनके नाम लिखने को लेकर दबाव बना रहे थे. इसी बात को लेकर दोनों बेटे मिलकर पिता अशोक कुमार शर्मा और सौंतेली मां बेबी देवी को प्रताड़ित करने लगे.उन दोनों के साथ मारपीट, गाली-गलौज आदि कर उनका खाना-पीना बंद कर देने का आरोप लगाया. पिछले चार-पांच दिनों से संपत्ति उनके नाम लिखने को लेकर छोटा बेटा राकेश रंजन उर्फ मोनू, उसकी पत्नी, उसका ससुर उपेंद्र प्रसाद, साढ़ू विजय कुमार सहित कई अन्य लोगों ने मिलकर घर पहुंच अशोक शर्मा और बेबी देवी को गाली गलौज कर मारपीट करना शुरू कर दिया. वे लोग घर के उपरी तल पर एक छोटे से कमरे में गुजर बसर करने लगे. बेबी देवी ने बताया कि सोमवार सुबह उनके पति अशोक शर्मा कुछ काम से बाहर जाने की बात कहकर घर से निकले थे. करीब एक घंटे तक जब वह वापस नहीं आये तो बेबी देवी ने उनकी खोजबीन शुरू की. देखा कि अशोक शर्मा ने निचले तल पर पड़े हुए हैं और उनके मुंह से झाग निकल रहा था. पूछने पर उन्होंने सल्फास खाने की बात कही. जिसके बाद वे लोग उसे लेकर मायागंज अस्पताल आ गयी. जहां इलाज के क्रम में उनकी मौत हो गयी.

भागलपुर के एसएसपी व डीआइजी ने नहीं की थी मदद, लगा चुके थे फरियाद

तातारपुर थाना क्षेत्र के सराय स्थित विवेकानंद कॉलोनी में रहने वाले रिटायर्ड बिजली कर्मी अशोक कुमार शर्मा ने बेटों के प्रताड़ना से तंग आकर खुदकुशी कर ली. उनकी पत्नी का कहना है कि कई बार तातारपुर थाना पुलिस से भी उनलोगों ने मदद मांगी. लेकिन मदद नहीं की गयी. मायागंज अस्पताल में अपने पति के शव पर विलाप कर रही उनकी पत्नी बेबी देवी ने बताया कि बेटों की प्रताड़ना से तंग आकर उन्होंने भागलपुर के एसएसपी, सदर एसडीओ को भी इस बाबत लिखित शिकायत की थी. पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी. इसके अलावा कई बार पूर्व में भी उनलोगों ने तातारपुर थाना जाकर मौखिक शिकायत की पर उन्हें थाना से भगा दिया जाता था. सोमवार सुबह हुए लड़ाई-झगड़े को लेकर उन्होंने जब तातारपुर थानेदार को फोन किया तो थानेदार ने यह कहकर टाल दिया कि यह उनके घर का आपसी मामला है. खुद ही इसे सुलझाएं. वहीं जहर खाने के बाद भी उन्होंने तातारपुर थानेदार को फोन किया पर उन्होंने कोई गाड़ी नहीं भेजी. मजबूरन वह अपने पति को टोटो लेकर मायागंज अस्पताल पहुंची. अस्पताल पहुंचने के बाद जब दोबारा उन्होंने तातारपुर थानेदार को फोन लगाया तो थानेदार ने यह कहकर उन्हें धमका दिया कि इलाज कराने के बाद वे लोग खुद तातारपुर थाना पहुंच इसकी शिकायत दर्ज कराएं.

थानों को रखना था बुजुर्गों का ध्यान

दो वर्ष पूर्व तत्कालीन जोनल आइजी सुशील मानसिंह खोपड़े ने जिला में बुजुर्गों के साथ बढ़ रहे अपराध को लेकर सभी थानेदारों को यह निर्देश दिया था कि वह अपने अपने थाना में अपने इलाके में रहने वाले बुजुर्गों का सूची बनाकर समय समय पर उनका हाल चाल लेंगे. लेकिन इस निर्देश का पालन नहीं किया गया

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