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ड्रैगन फ्रुट, स्ट्रॉबेरी, गेंदा व अंजीर की होगी खेती, मिलेगा अनुदान

मुख्यमंत्री बागवानी मिशन और बागवानी विकास कार्यक्रम के तहत विभिन्न खेती के विकास की योजना तैयार की गयी है. इस संबंध में ड्रैगन फ्रूट, स्ट्रॉबेरी, गेंदा फूल व अंजीर फल की खेती को बढ़ावा देने के लिए भागलपुर जिले को भी शामिल किया गया है.

मुख्यमंत्री बागवानी मिशन और बागवानी विकास कार्यक्रम के तहत विभिन्न खेती के विकास की योजना तैयार की गयी है. इस संबंध में ड्रैगन फ्रूट, स्ट्रॉबेरी, गेंदा फूल व अंजीर फल की खेती को बढ़ावा देने के लिए भागलपुर जिले को भी शामिल किया गया है. कृषि विभाग ने न सिर्फ योजना के क्रियान्वयन, बल्कि अनुदान की राशि खर्च करने की स्वीकृति भी दे दी है. डीबीटी पोर्टल पर पंजीकृत किसानों द्वारा http://horticulture.bihar.gov.in पर आवेदन करनेवाले किसानों को पहले आओ पहले पाओ के आधार पर लाभ दिया जायेगा. इसे लेकर कृषि विभाग ने पत्र जारी किया है.

आठ हेक्टेयर में ड्रैगन फ्रूट की खेती का लक्ष्यड्रैगन फ्रुट विकास योजना के तहत भागलपुर जिले में ड्रैगन फ्रुट की खेती का लक्ष्य आठ हेक्टेयर में करने का है. इसका वित्तीय लक्ष्य वर्ष 2024-25 में 14.40 लाख रुपये का है. इसके पौधरोपण सामग्री की व्यवस्था किसानों द्वारा खुद की जायेगी. सहायता अनुदान इकाई लागत का 40 प्रतिशत रुपये तीन किस्तों में दिया जायेगा.

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तीन हेक्टेयर में होगा स्ट्रॉबेरी की खेती का विस्तार

स्ट्रॉबेरी विकास योजना के तहत जिले में इसका क्षेत्र विस्तार तीन हेक्टेयर में होगा. इसकी पैकेजिंग के लिए 37,500 कूट का डब्बा और तीन लाख प्लास्टिक का छोटा डब्बा का वितरण किया जायेगा. इस पर 14.73 लाख रुपये की लागत आयेगी. अधिकतम दो हेक्टेयर के इसका लाभ कृषि विभाग देगा.

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एक हेक्टर में गेंदा फूल की खेती

गेंदा फूल की खेती करने की राज्य योजना के तहत जिले में एक हेक्टेयर में खेती को बढ़ावा देना है. इसके लिए तीन लाख रुपये खर्च करने की स्वीकृति मिली है. योजना के तहत फूल का उत्पादन और इससे संबंधित उत्पाद में वृद्धि करते हुए किसानों की आजीविका सुदृढ़ कर उनकी आय में वृद्धि करना है. प्रति हेक्टेयर 40 हजार का अनुदान मिलेगा.

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अंजीर फल की भी होगी खेती

जिले में दो हेक्टेयर में अंजीर फल की खेती का लक्ष्य कृषि विभाग ने तैयार किया है. चतुर्थ कृषि रोडज्ञ मैप अंतर्गत इस खेती को रखा गया है. इसके पौधे के लिए कृषि विभाग एजेंसी का चयन करेगा. खेती करने के लिए किसानों को अनुदान दिया जायेगा. जिला स्तर पर इस खेती के क्रियान्वयन के लिए बागवानी विकास समिति गठित है.

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