गबन के आरोपित बिहपुर के प्रखंड कृषि पदाधिकारी आशुतोष कुमार सेवा से बर्खास्त

अररिया के भरगामा के तत्कालीन क्रय केंद्र पदाधिकारी व वर्तमान में भागलपुर के बिहपुर के प्रखंड कृषि पदाधिकारी आशुतोष कुमार को कृषि निदेशालय ने सेवा से बर्खास्त कर दिया है. इस दंड के तहत सरकार के अधीन आशुतोष कुमार भविष्य में नियोजन के लिए डिस्क्वालिफाइ कर दिये गये हैं. इस आदेश को कृषि मंत्री ने अनुमोदित कर दिया है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 2, 2024 9:05 PM

अररिया के भरगामा के तत्कालीन क्रय केंद्र पदाधिकारी व वर्तमान में भागलपुर के बिहपुर के प्रखंड कृषि पदाधिकारी आशुतोष कुमार को कृषि निदेशालय ने सेवा से बर्खास्त कर दिया है. इस दंड के तहत सरकार के अधीन आशुतोष कुमार भविष्य में नियोजन के लिए डिस्क्वालिफाइ कर दिये गये हैं. इस आदेश को कृषि मंत्री ने अनुमोदित कर दिया है. आदेश संबंधी पत्र कृषि निदेशक ने एक अगस्त को भागलपुर के डीएम व जिला कृषि पदाधिकारी समेत राज्य खाद्य निगम के अररिया प्रबंधक को भी भेजा है. आशुतोष कुमार के खिलाफ राज्य खाद्य निगम के अररिया जिला प्रबंधक ने 15.11.2019 को आरोप पत्र गठित कर विभाग को उपलब्ध कराया था.क्या है आरोप आशुतोष कुमार पर वर्ष 2012-13 में 3009.85 क्विंटल धान का गबन करने, धान अधिप्राप्ति वर्ष 2013-14 में 11374.21 क्विंटल धान का गबन करने, नोटिस दिये जाने, नीलाम पत्र वाद व प्राथमिकी दर्ज किये जाने के बाद भी पूर्ण राशि जमा नहीं करने और कार्यपालक सहायक के साथ मिल कर सरकारी राशि का गबन करने आदि का आरोप है.

आरोपित पदाधिकारी का पक्ष नहीं पाया गया तथ्यपरक

विभिन्न आरोपों को लेकर बिहार कृषि निदेशालय ने 23.12.2019 को आरोपित पदाधिकारी से लिखित अभ्यावेदन की मांग की थी. श्री कुमार का लिखित अभ्यावेदन अप्राप्त रहा. उक्त आरोपों के लिए कृषि निदेशालय ने 19.09.2022 को श्री कुमार के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही संचालित की. पूर्णिया प्रमंडल के संयुक्त निदेशक (शष्य) को निदेशालय ने विभागीय कार्यवाही का संचालन पदाधिकारी नियुक्त किया. संचालन पदाधिकारी ने 30.12.2023 को संचालन प्रतिवेदन उपलब्ध कराया. इसमें श्री कुमार के विरुद्ध आरोप प्रपत्र में गठित सभी आरोपों को प्रमाणित पाया गया. संचालन प्रतिवेदन में प्रमाणित आरोपों के आधार पर कृषि निदेशालय ने श्री कुमार से द्वितीय लिखित अभ्यावेदन की मांग की. श्री कुमार द्वारा द्वितीय लिखित अभ्यावेदन उपलब्ध कराया गया. इसकी समीक्षा निदेशालय ने की, जो स्पष्ट व तथ्यपरक नहीं होने के कारण अस्वीकृत करते हुए सेवा से बर्खास्तगी (जो सामान्यतया सरकार के अधीन भविष्य में नियोजन के लिए डिस्क्वालिफाइ होगी) का दंड देने का निर्णय लिया गया.

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