अकबरनगर थाना क्षेत्र के इंग्लिश चिचरौन निवाीस मो आलीम उर्फ आलम की हत्याकांड मामले में पुलिस के खुलासे को परिजनों ने मानने से इंकार कर दिया है. परिजनों ने मामले में स्पष्ट तौर पर कहा है कि पुलिस ने मामले में प्रेस प्रसंग की बात को लाकर पूरे मामले को ही मोड़ दिया है. जबकि सच्चाई यह है कि जिस दिन से मो आलीम का अपहरण किया गया था, उसके दो दिनों तक उन लोगों को आलीम के फोन से ही फोन कर पांच लाख रुपये फिरौती की मांग की जा रही थी. मामले में परिजनों ने वरीय पुलिस अधिकारियों से गुहार लगाने और इसको लेकर न्यायपालिका तक में आवाज उठाने की बात कही. परिजनों ने यह भी कहा है कि अगर मामले में पुलिस उनकी शिकायत पर तुरंत सक्रीय हो जाते तो शायद आलीम की जान बच सकती थी. हालांकि सिटी एसपी ने अपने खुलासे में कहा था कि फिरौती मांगे जाने से पहले ही आलीम की हत्या की जा चुकी थी. मृत आलीम के बड़े भाई गुड्डू ने बताया कि उनके भाई के अपहरण के बाद अपहरणकर्ताओं ने उन्हें उसी के मोबाइल से कॉल कर पांच बार फिरौती की मांग की थी. और पांच लाख फिरौती नहीं देने पर जान से मार देने की भी धमकी दी थी. हर बार कॉल कर अपहरणकर्ता उन्हें अलग अलग जगह आने की बात कह रहे थे. इस बात की जानकारी उन्होंने पुलिस को भी दी थी. गुड्डू ने बताया कि वह पैसे ले जाने को तैयार भी हो गया था, पर अपहरणकर्ता उसे अकेले बुलाकर उसकी भी हत्या करना चाहते थे. आ रहे फिरौती भरे कॉल को रिकॉर्ड करने के लिए जैसे ही उन्होंने अपने मोबाइल का रिकॉर्डर ऑन किया तो अपहरणकर्ताओं का मोबाइल स्विच ऑफ हो गया. परिजनों ने कहा कि आलीम की उम्र 15-16 साल थी और वह फोन तक नहीं रखता था. ऐसे में पुलिस का यह खुलासा किसी को भी हजम नहीं हो रहा है. मृतक की मां शमसा बेगम ने बताया कि उनका बेटे की किसी से भी कोई दुश्मनी नहीं थी. कभी भी उसे किसी से भी फोन पर बातचीत करते तक उन लोगों ने नहीं सुना था. उन्होंने प्रेम प्रसंग को लेकर हत्या किये जाने के खुलासे को मानने से साफ इंकार कर दिया. मृतक की मां ने मामले में उनके बेटे के हत्यारों को फांसी की सजा दिलाने की मांग की है.
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