मुस्लिम एजुकेशन कमेटी (एमईसी) में अधिकारियों व सदस्यों के बीच चल रहे विवाद में अध्यक्ष पद से मो इस्लाम व महासचिव पद से प्रो फारूक अली को हटाया दिया है. उनके जगह अध्यक्ष डॉ मजहर अख्तर शकील व महासचिव हारीश फरीदी उर्फ रूमी होंगे. इसे लेकर सदन में मौजूद एमईसी के 37 सदस्यों ने मुहर लगा दी है. रविवार को मुस्लिम डिग्री कॉलेज में एमईसी की आम बैठक बुलायी गयी थी. इसमें पूर्व से निर्धारित अध्यक्ष व महासचिव के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर करीब तीन घंटे तक सदन में चर्चा हुई. सदन ने सर्वसम्मति से फैसला सुनाते हुए मो इस्लाम व प्रो फारूक अली को पद से हटाने के लिए सहमति प्रदान की. साथ ही नये अध्यक्ष प्रो मजहर अख्तर शकील व महासचिव हारीश फरीदी को मनोनित किया. हालांकि सदन की कार्रवाई के दौरान माहौल गर्म रहा. कुछ सदस्य द्वारा आरोप को लेकर एक दूसरे पर नाराजगी जतायी. सदन में निर्णय लिया गया कि 25 अक्तूबर से 24 नवंबर तक अध्यक्ष व महासचिव द्वारा जारी सभी पत्र को निरस्त किया जाता है. उनलोगों द्वारा एमईसी के उपाध्यक्ष सैयद अफजाल अहमद व संयुक्त सचिव प्रथम मुफ्ती मो इलियास की सदस्यता एक दिन पहले समाप्त कर दी गयी थी. सदन से ऐसे तमाम पत्र को रद्द करते हुए दोनों लोगों को सदस्यता व पद बहाल रखने का भी निर्णय लिया है. शनिवार की रात एमईसी के महासचिव प्रो फारूक अली ने उर्दू गर्ल्स हाई स्कूल के जीबी के सचिव इबरार हुसैन उर्फ बेला को पद से हटा दिया था. सदन ने सचिव को बरकरार रखते हुए उस पत्र को भी निरस्त कर दिया है. ——————————— गैर कानूनी बैठक बुलायी गयी, किसी निर्णय को नहीं माना जायेगा – मो इस्लाम अध्यक्ष रहे मो इस्लाम ने कहा कि सदस्यों की जो बैठक बुलायी गयी है वह गैर कानूनी है. अध्यक्ष व महासचिव इस बैठक में शामिल नहीं हुए है. सदन के किसी निर्णय को वह नहीं मानेंगे. कहा कि सदन में जो कार्रवाई की गयी है. उसे एमईसी के रेगुलेशन के तहत अवैध कार्रवाई मानी जायेगी. क्योंकि उपाध्यक्ष व संयुक्त सचिव को बैठक बुलाने का अधिकार ही नहीं है. यह अधिकार अध्यक्ष व महासचिव को होता है. मो इस्लाम ने कहा कि अध्यक्ष पद पर है और रहेंगे. किसी को चार्ज नहीं देंगे. ————————– जबरदस्ती किसी को नहीं हटा सकते – प्रो फारूक अली महासचिव रहे प्रो फारूक अली ने कहा कि जबरदस्ती किसी को कोई हटा नहीं सकता है. कुछ लोग एमईसी में मनमानी कर रहे हैं. कहा कि ऐसा क्या हुआ कि अध्यक्ष व महासचिव चंद दिनों में खराब हो गये. कोर्ट में चुनाव का मामला चल रहा है. चुनाव कराने के पक्ष में फैसला आने के बाद चुनाव कराया जायेगा. इसके बाद जो होगा देखा जायेगा. चुनाव में जाने से क्यों डर रहे हैं. मैं महासचिव पद पर हूं. किसी को चार्ज नहीं देंगे.
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