झुग्गी के बच्चों को देसी एक्टिंग सीखा रहे आलोक राज
कला केंद्र के हॉस्टल में रहकर फाइन आर्ट्स की पढ़ाई कर रहे आलोक राज इन दिनों झुग्गी-बस्ती के बच्चों को देसी एक्टिंग सीखा रहे हैं.
– कला केंद्र के हॉस्टल में रहकर फाइन आर्ट्स की पढ़ाई कर रहा है खगड़िया के अगुवानी बबराहा निवासी आलोक राज, अंगिका कॉमेडी रील्स बनाकर तैयार किया यूट्यूब पर एक लाख से अधिक फॉलोअर्स
प्रभात एक्सक्लूसिव
दीपक राव, भागलपुर
कला केंद्र के हॉस्टल में रहकर फाइन आर्ट्स की पढ़ाई कर रहे आलोक राज इन दिनों झुग्गी-बस्ती के बच्चों को देसी एक्टिंग सीखा रहे हैं. अंगिका को बढ़ावा देने के लिए पूरा संवाद अंगिका में करा रहे हैं. इतना ही नहीं हरेक रविवार को लाजपत पार्क, गंगा दियारा व अन्य स्थानों पर अलग-अलग झुग्गी-बस्ती के बच्चों को अभिनय की बारीकी से अवगत करा रहे हैं, ताकि झुग्गी-बस्ती के बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ अभिनय व कला के क्षेत्र में रोजगार प्राप्त कर सके.
मिनिस्ट्री ऑफ कल्चर भारत सरकार से मिला स्कॉलरशिपखगड़िया जिले के अगुवानी बबराहा निवासी आलोक राज अंगिका कॉमेडी रील्स बनाकर तैयार करते हैं, जिसमें पर्यावरण संरक्षण, साक्षरता व अन्य सामाजिक कुरीतियों पर चोट करता है. कम समय में ही यूट्यूब पर एक लाख से अधिक फॉलोअर्स बन गये. अंचल बाती के नाम से संस्था भी बनायी है. टीएमबीयू के आइआरपीएम विषय से पीजी भी कर रहे हैं. आलोक राज को अभिनय के क्षेत्र में वर्तमान में मिनिस्ट्री ऑफ कल्चर द्वारा स्कॉलरशिप भी भारत सरकार के द्वारा मिल रहा है.खेल-खेल में गणित, विज्ञान, सामाजिक शिक्षा व अंग्रेजी भी पढ़ाते हैंआलोक राज ने बताया कि आर्थिक रूप से पिछड़े बच्चों को पिछले दो माह से नि:शुल्क अभिनय का टिप्स दे रहे हैं. अभिनय के साथ-साथ आलोक लोक गीत, थियेट्रेकल गीत, बॉडी मुवमेंट, बॉडी बैलेंस, थियेट्रेकल खेल डायलॉग डिलेवरी और पढ़ाई भी करवाते हैं. कभी-कभी एक्सपर्ट को बुलवाकर उनका – मास्टर क्लास भी करवाते हैं. जिसमें नृत्य (स्टंट ) आदि है. इसमें उनका साथ विपुल भी देते हैं. बच्चों को खेल-खेल में गणित, विज्ञान, सामाजिक शिक्षा, अंग्रेजी भी पढ़ाते हैं.
लघु फिल्म बनाकर कई शहरों में फिल्म फेस्टिवल में ले चुके हैं हिस्साआलोक लघु फिल्म बनाकर कई शहरों में आयोजित फिल्म फेस्टिवल में हिस्सा ले चुके हैं. ज्यादातर फिल्में सामाजिक और पर्यावरण से जुड़ी है. हाल ही में सप्तरंग गुजरात फिल्म फेस्टिवल में ऑल ओवर इंडिया में 150 फ़िल्म सलेक्ट हुआ था. इसमें टॉप 25 में 7वां नंबर पर फ़िल्म को स्क्रीनिंग मिली थी. फिल्म का नाम था 1:30 मिनट. जो पर्यावरण के ऑक्सीजन पर आधारित थी. कुछ दिन पहले अंगिका में दो रैप गीत भी गाया. मातृभाषा को लेकर आलोक काफी सक्रिय हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है