बिहार में बाढ़ के साथ ही कटाव भी तेज, घिरे दर्जनों नए इलाके, खतरे में जान डालकर नाव से स्कूल जा रहे बच्चे
कोसी-सीमांचल व पूर्वी बिहार में बाढ़ के साथ ही कटाव भी तेज हो गया है. कोसी में चार अलग-अलग स्पर पर अब भी दबाव बरकरार है. भागलपुर स्थित कुप्पाघाट में कटाव तेज हो गया है. कई नए इलाके बाढ़ के पान से घिर गए हैं.
Bihar Flood: कोसी-गंगा और इसकी सहायक नदियों के जलस्तर में लगातार उतार-चढ़ाव हो रहा है. बाढ़ के साथ-साथ कटाव भी तेज हो गया है. दर्जनों नए इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. कोसी बराज के 56 में से 25 फाटक खोल दिए गए हैं. सोमवार होने के कारण फ्यूजिंग का काम जारी रहा. इसलिए नदी के किसी भी नहर में पानी नहीं छोड़ा गया.
किए जा रहे बाढ़ नियंत्रण कार्य
इसी तटबंध के 16.98 किमी स्पर व 23.32 किमी स्पर पर सामान्य से अधिक दबाव है. स्पर संख्या 33.45 किमी के यूएस भाग में बनी ट्रेंच पर अधिक दबाव होने के कारण बाढ़ संघर्षात्मक बल के अध्यक्ष व मुख्य अभियंता की सलाह व निर्देशानुसार बाढ़ नियंत्रण कार्य किए जा रहे हैं तथा स्थल को सुरक्षित किया जा रहा है.
दर्जनों गांव में प्रवेश कर गया पानी
कोसी बांध के भीतर पीरगंज, सुजानपुर, बेला, सिसवा, पंचगछिया, बेगमगंज, मौजहा, बुढ़िया डीह सहित दर्जनों गांव में पानी प्रवेश कर गया है. जहां दर्जनों परिवार के घर आंगन में पानी भर गया है. कोसी बांध के भीतर सुजानपुर सुरक्षा बांध के वार्ड नंबर 02 स्थित संस्कृत मध्य विद्यालय सुजानपुर से सटे पश्चिम सुरक्षा बांध टूट गया है. इसकी चपेट में आने से प्राथमिक विद्यालय सुजानपुर नदी में विलीन हो गया.
मुख्यालय से टूटा संपर्क
सहरसा के महिषी-चैनपुर पथ के कोयला थान मुसहरी के समीप धर्ममूला नदी के पानी ने अधूरे पड़े सड़क को लांघ आवागमन को बाधित कर दिया है. मुख्यालय पंचायत महिषी उत्तरी के वार्ड नंबर 13 के लोगों का मुख्यालय से संपर्क टूट गया है.
भागलपुर में बढ़ता जा रहा गंगा का जलस्तर
भागलपुर में गंगा का जलस्तर बढ़ता ही जा रहा है. सोमवार को जलस्तर बढ़ने से तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय परिसर, मानिक सरकार घाट, दीपनगर के समीप झुग्गी बस्ती, बूढ़ानाथ मंदिर के नीचे मशानी काली परिसर एवं पार्क में पानी का स्तर बढ़ गया. इतना ही नहीं निचले इलाकों सखीचंद घाट, नाथनगर के लालूचक, श्रीरामपुर, शंकरपुर दियारा क्षेत्र में पानी ऊपर चढ़ने लगा है और कटाव का खतरा भी मंडराने लगा है.
इस क्षेत्र के लोगों में भय बढ़ता जा रहा है. दीपनगर, सखीचंद घाट, किलाघाट, गोलाघाट आदि के लोग ऊंची जगहों पर शरण लेने लगे हैं. कुप्पाघाट आश्रम के पूर्वी व पश्चिमी छोर पर कटाव शुरू हो गया है. आश्रम के गंगा किनारे के क्षेत्र में कटाव रोकने के लिए निर्माण कार्य कराया गया था.
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ऊफ! ये व्यवस्था… पढ़ाई के लिए खतरे में जान
गंगा में उफान के बाद कई इलाकों में पानी भर आया है. ऐसे में बच्चों की पढ़ाई भी बुरी तरह प्रभावित हो रही है. लेकिन विडंबना है कि जिन रास्तों पर बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है, उसे भी डेंगी नाव के सहारे खुद पार कर बच्चे स्कूल जा रहे हैं. यह चकित कर देने वाली तस्वीर सोमवार को दिखी जब प्राथमिक विद्यालय नवटोलिया कल्याणपुर, सुलतानगंज के बच्चे स्कूल जाने के लिए नाव खे कर पानी पार करते दिखे. इधर, बीईओ रेखा भारती का कहना है कि प्रभावित स्कूलों की सूची जिला से मांगी गयी है. रिपोर्ट तैयार कर भेजी जायेगी. निर्देशानुसार कदम उठाये जाएंगे.
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