26.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Bhagalpur News: एल्युमिनियम शीट वाले शौचालय मिट्टी में मिले, अब डिस्पले स्क्रीन की बारी

स्मार्ट सिटी योजना से जनसुविधा के नाम करोड़ों के संसाधनों की खरीदारी हुई, मगर रखरखाव की व्यवस्था नहीं

-स्मार्ट सिटी योजना से जनसुविधा के नाम करोड़ों के संसाधनों की खरीदारी हुई, मगर रखरखाव की व्यवस्था नहीं

स्मार्ट सिटी की योजना से जनसुविधा पर करोड़ों रुपये के संसाधनों की खरीदारी तो की गयी लेकिन, इसके रख-रखाव की व्यवस्था नहीं की गयी. चाहे वह सड़क किनारे एल्युमिनियम शीट वाले शौचालय हो या चौक-चौराहों पर लगे डिस्प्ले स्क्रीन. इसको लगाने के बाद स्मार्ट सिटी ने कभी सुध ही नहीं ली. नतीजा एल्युमिनियम शीट वाले शौचालय अब सड़क के किनारे नहीं दिखते. इसके बदले स्मार्ट टॉयलेट लाया है, तो इसकी भी हालत कुछ ठीक नहीं है. नगर निगम परिसर में स्थित स्मार्ट टॉयलेट में नगर निगम के कर्मचारी ही कैद हो गए थे. बात हुई थी कि एजेंसी बहाल कर मेंटनेंस करायी जायेगी, मगर काम आगे बढ़ा नहीं. बहरहाल, व्यवस्था के अभाव में आठ डिस्प्ले स्क्रीन बंद पड़े हैं. तिलकामांझी, सैंडिस कंपाउंड, डीएम कार्यालय गेट के पास, एसडीओ कार्यालय, नगर निगम कार्यालय परिसर, घंटाघर, लाजपत पार्क व चिल्ड्रेन पार्क में स्क्रीन दो साल से खराब है. इस संबंध में स्मार्ट सिटी कंपनी के पीआरओ पंकज कुमार से बात करने की कोशिश की गयी लेकिन, बात नहीं हो सकी. सवाल भेजने पर भी उनकी ओर से जवाब नहीं मिला.

प्रति आउटडाेर एलइडी डिस्प्ले स्क्रीन करीब 13 लाख 90 हजार रुपये में खरीद की गयी थी. कंपनी को एक वर्ष तक रख-रखाव करना था. यह समय पूरा हो गया. नगर निगम परिसर में एलईडी स्क्रीन चार माह से खराब पड़े है. नतीजा लाखों रुपये के उपकरण धूल फांक रहे हैं. इसको लेकर अब तक कोई पहल नहीं की गई है.

पेड़ पर लगा एलइडी लाइट भी मेंटेनेंस के अभाव में बेकार

शहर के सौंदर्यीकरण के लिए स्मार्ट सिटी ने सैंडिस कंपाउंड के चारों ओर दो दर्जन से अधिक पेड़ पर एलईडी लाइट लगाया गया था लेकिन, यह मेंटेनेंस के अभाव में यह बेकार हो गया. इस योजना पर राशि खर्च करने के बाद स्मार्ट सिटी के अधिकारी भूल गये.

सिटी में विज्ञापन के लिए स्मार्ट सिटी का डिस्पले स्क्रीन जायय तो बैनर-पोस्टर नाजायज क्यों ?

शहर में महीनों बाद भी होर्डिंग्स के लिए एजेंसी बहाल नहीं हो सकी है. सरकार की ओर से इस पर रोक लगी है. इस वजह से नगर निगम अवैध होर्डिंग व बैनर को हटाने का काम किया है. यह कार्रवाई बीच-बीच में चलायी भी जाती है.यानी, विज्ञापन के लिए कोई होर्डिंग बैनर कोई नहीं लगा सकता है. वहीं, स्मार्ट सिटी ने विज्ञापन के लिए चौक-चौराहों पर डिस्पले स्क्रीन लगाया है और विज्ञापन से राजस्व इकट्ठा कर रही है. वहीं, इसके लिए एजेंसी बहाली की प्लानिंग कर रही है. यहां सवाल उठ रहा है कि विज्ञापन के लिए डिस्पले स्क्रीन जायज है, तो बैनर-पोस्टर नाजायज क्यों है ?

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें