पुरास्थलों पर बिना विभागीय अनुमति के सभी कार्यों पर रोक
राजकीय सुरक्षित घोषित क्षेत्र, पुरास्थल, स्मारक, पुरावशेष में बिना विभाग की अनुमति के कोई भी कार्य नहीं होगा. इस बाबत बिहार सरकार के कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के अपर मुख्य सचिव हरजौत कौर बम्हरा ने राज्य के सभी प्रमंडलीय आयुक्तों व जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है.
राजकीय सुरक्षित घोषित क्षेत्र, पुरास्थल, स्मारक, पुरावशेष में बिना विभाग की अनुमति के कोई भी कार्य नहीं होगा. इस बाबत बिहार सरकार के कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के अपर मुख्य सचिव हरजौत कौर बम्हरा ने राज्य के सभी प्रमंडलीय आयुक्तों व जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है. इस पर भागलपुर के डीआरडीए डायरेक्टर ने जिले के सभी बीडीओ को निर्देश का अनुपालन करने कहा है. बिहार प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल अवशेष व कलानिधि अधिनियम, 1976 के तहत राज्य सरकार किसी भी प्राचीन स्मारक या पुरातत्व स्थल और अवशेष को सुरक्षित क्षेत्र घोषित कर सकती है. इसका मुख्य उद्देश्य राज्य में स्थित प्राचीन स्मारकों, पुरातत्व स्थलों और अवशेषों का बचाव करना है. वर्तमान में राज्य में सुरक्षित क्षेत्र घोषित कुल 54 स्थल हैं. विगत कुछ समय में ऐसे मामले सामने आये है, जहां बिना कला, संस्कृति एवं युवा विभाग से अनुमति प्राप्त किये ही विभिन्न सरकारी योजनाओं के अंतर्गत सुरक्षित घोषित पुरास्थल पर निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया है, जो उक्त अधिनियम के तहत दंडनीय अपराध है. इसी कारण बिना अनुमति के किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गयी है.
——————भागलपुर व आसपास के जिलों के सुरक्षित पुरास्थल
–महमुदशाह का मकबरा, कहलगांव, भागलपुर
–गुवारीडीह, नवगछिया, भागलपुर–सूर्य मंदिर, कंदाहा, सहरसा
–जलालगढ़ किला, पूर्णिया–मुंगेर किला, मुंगेर
–लॉर्ड मिंटो टावर, जमुई–लाली पहाड़ी, जयनगर, लखीसराय
–सतसंडा पहाड़, लखीसराय–घोषीकुंडी पहाड़, लखीसराय
–बिछवे पहाड़, लखीसराय–लय, लखीसराय
–नोनगढ़, लखीसराय–भदरिया में चांदन नदी के किनारे पुरातत्व स्थल, बांका
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