मौन से क्रोध पर काबू पा सकते हैं: किरीट भाई
जहां मान नहीं हो, वहां खुद को जाने से रोकना जरूरी है. क्रोध पर काबू पाने के लिए मौन धारण करना श्रेष्ठ है. प्रतिदिन सभी लोगों को कम से कम एक घंटा मौन धारण करना चाहिए.
जहां मान नहीं हो, वहां खुद को जाने से रोकना जरूरी है. क्रोध पर काबू पाने के लिए मौन धारण करना श्रेष्ठ है. प्रतिदिन सभी लोगों को कम से कम एक घंटा मौन धारण करना चाहिए. इससे क्रोध पर नियंत्रण पाया जा सकता है. उक्त बातें ब्रह्मर्षि किरीट भाई ने द्वारिकापुरी कॉलोनी श्याम कुंज में तुलसी परिवार की ओर से आयोजित सात दिवसीय भावगत कथा ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन सोमवार को प्रवचन करते हुए कही. तीसरे दिन भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर कथा हुई. इस दौरान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की झांकी सजायी गयी, तो श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीकृष्ण की जयकारा एक स्वर में लगाया. इसी क्रम में अजामिल उपाख्यान, प्रह्लाद चरित्र एवं वामन अवतार आदि प्रसंग पर कथा हुई. किरीट भाई ने पिता और पुत्र के संबंधों पर व्याख्या दी. पुत्र को सत्कर्मों में लगाने की जिम्मेदारी पिता की है. स्त्री व पुरुष में विश्वास की बात है. विवाह में सात वचन की व्याख्या की. इससे वैवाहिक जीवन सुचारू रूप से चले. इस मौके पर केंद्रीय रेल रेलवे यात्री संघ के अध्यक्ष विष्णु खेतान, नवनीत ढांढानिया, तुलसी परिवार के संरक्षक विनोद गुड्डेवाल, चेंबर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष शरद सलारपुरिया, सुनील बुधिया, राजेश मेहता, शोभा ढांढनियां, संगीता साह, अभिषेक ढांढनियां, मयंक सिंघानियां, नीलेश कोटरीवाल, मनोज बुधिया, रोहन साह, शिव झुनझुनवाला, मीडिया प्रभारी राजेश खेतान, केंद्रीय रेल रेलवे यात्री संघ के विनय, विनोद एवं विमल गुड्डेवाल, अंकित, अमन, श्रेया, कार्तिक, वसुधा, साक्षी, सिद्धि, रिद्धि, कृष, अबयान आदि का योगदान रहा. —
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